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नई दिल्ली. भारत अपने प्रोजेक्ट-75 को तेजी से बढ़ा रहा है. इसी तहत ‘इंडियन नेवी’ महीने के अंत में छह एडवांस सबमरीन लेने और उनके एक्विपमेंट को टेस्ट करने जा रही है. एएनआई के साथ एक विशेष बातचीत में, स्पेनिश शिपयार्ड नवंतिया के चैयरमैन रिकार्डो डोमिन्गुएज़ गार्सिया-बैकेरो ने कहा, ‘स्पेनिश सरकार और स्पेनिश नौसेना दोनों ही पी-75 (आई) प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए बहुत उत्सुक हैं. इसके लिए भारत की हरसंभव मदद करने को तैयार हैं.’
गार्सिया-बैकेरो ने एक ई-मेल के जवाब में कहा, ‘इसमें, सबमरीन की तुरंत एक्सपोर्ट की मंजूरी, भारतीय सरकार के साथ एक व्यापक समझौते पर हस्ताक्षर करना आदि शामिल हैं. हाल ही में टाटा के साथ एयरबस सौदे (सी-295 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की सप्लाई के लिए हुआ था.’ उन्होंने आगे बताया, ‘हम और हमारे साझेदार एलएंडटी (l&T) इन टेस्टिंग के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. हम इंडियन नेवी के सामने अपनी विश्व स्तरीय एआईपी तकनीक का प्रदर्शन करने के लिए उत्सुक हैं.’
काफी एडवांस है यह सबमरीन
भारत एआईपी सिस्टम वाले छह एडवांस पारंपरिक सबमरीन लेने की योजना बना रहा है. इससे भारतीय नौसेना समंदर के अंदर पहले की तुलना में ज्यादा देर तक रह सकती है, जिससे दुश्मनों पर घात लगाकर हमला करने में मदद मिलेगी. S80 सबमरीन का डिजाइन ऐसा है कि यह बिना किसी रीडिज़ाइन की आवश्यकता के P75(I) की लगभग सभी टेक्नोलॉजिकल आवश्यकताओं को आसानी से पूरा किया जा सकता है.
जर्मनी की एक कंपनी भी लाइन
एलएंडटी और नवंतिया के साथ, जर्मन थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स और मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड भी 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना की दौड़ में शामिल हैं. नवंतिया ने भारतीय नौसेना परियोजना के लिए अपनी S80 पनडुब्बी डिजाइन की पेशकश की है, यह पनडुब्बी 2023 में स्पेनिश नौसेना को पहले ही कमीशन की जा चुकी है.
खुद ही बन जाएगी बिजली
स्पेनिश फर्म ने कहा, ‘उदाहरण के लिए, S80 का AIP ऐसा डिजाइन किया गया है, जिससे वह 300 kW से अधिक बिजली पैदा कर सकता है और इसलिए इसे बिना किसी रीडिज़ाइन या स्केलिंग अप के सीधे P75(I) के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. यह P75(I) परियोजना के संबंध में भारतीय नौसेना के प्रमुख जोखिमों को काफी हद तक कम कर देगा.’
इथेनॉल स्टील्थ टेक्नोलॉजी से है लैस
बैकेरो ने आगे कहा कि भारतीय नौसेना को पेश की गई S80 में सबसे समकालीन विशेषताएं हैं और इसमें तीसरी पीढ़ी की BEST AIP (बायो-इथेनॉल स्टील्थ टेक्नोलॉजी) और उन्नत सेंसर सूट जैसी नवीनतम तकनीकें शामिल हैं. एलएंडटी और नवांतिया ने प्रोजेक्ट के लिए एक प्रमाणित लिथियम-आयन बैटरी तकनीक प्रदान करने के लिए एक भागीदार के साथ समझौता किया है. साथ ही यह निर्धारित स्वदेशी लक्ष्य को पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है, जो पनडुब्बी क्षेत्र में उत्तरोत्तर आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के भारत के रणनीतिक लक्ष्य के अनुरूप है.’
कई और राह खुलेंगे
बैकेरो ने बताया, ‘नवंतिया का मानना है कि एलएंडटी के साथ औद्योगिक साझेदारी न केवल औद्योगिक आवश्यकताओं और आईएन आवश्यकताओं को पूरा करेगी, बल्कि यह पनडुब्बियों से परे अन्वेषण के अवसर भी खोलेगी.’
Tags: Indian navy
FIRST PUBLISHED : June 17, 2024, 22:17 IST
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