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शहर के लंका स्थित पूर्वांचल को-आपरेटिव बैंक।
– फोटो : संवाद
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 14 जून को पूर्वांचल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के लाइसेंस को निरस्त कर दिया है। इसके पहले पिछले वर्ष आरबीआई की जांच रिपोर्ट पर पूर्वांचल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पूर्व प्रवर्तक राम बाबू शाण्डिल्य, पूर्व सीईओ विवेक पांडेय, प्रबंध कमेटी, लेखा परीक्षक मेसर्स विजय के. शर्मा एंड कंपनी, बैंक प्रोप्राइटर और संबंधित पार्टी व फर्म के खिलाफ शहर कोतवाली में 30 अगस्त 2023 में मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस पूरे प्रकरण की जांच को-ऑपरेटिव सेल वाराणसी कर रही हैं।
पूर्वांचल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की स्थापना 1989 में हुई थी। इस बैंक की जिला मुख्यालय पर मुख्य शाखा, शास्त्री नगर, कचहरी, महराजगंज, जंगीपुर, सैदपुर, शहीद नगर में शाखा बताई जाती हैं। आरबीआई की जांच में अधिकारियों को गंभीर वित्तीय अनियमितता मिली थी। जबकि उसके पहले आरबीआई पूर्वांचल को-ऑपरेटिव बैंक की सभी शाखाओं पर जमा एवं निकासी पर रोक लगी थी।
साथ ही आरबीआई ने इस बैंक में पांच लाख से कम जमा करने वाले 912 खाताधारकों का 12 करोड़ 63 लाख रुपये वापस कर चुकी है, वहीं 1691 खाताधारकों का 22 करोड़ 92 लाख रुपये वापस करने की प्रक्रिया चल रही है। जबकि बैंक से 40 करोड़ रुपये ऋण बांटे गए हैं, जिसकी विभागीय उच्चाधिकारियों के पत्र आने पर वसूली की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता अंशल कुमार ने बताया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पूर्वांचल को- आपरेटिव बैंक का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। कोतवाली में दर्ज धोखाधड़ी का मामला भी विवेचना के को-ऑपरेटिव सेलि वाराणसी को स्थानांतरित हो चुका है।
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