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आवासीय शिविर में बच्चों को अलग अलग प्रकार के सत्र में जीवन जीने की कला सिखाई जाती है।
आज के दौर में बच्चे सोशल मीडिया का उपयोग करते कई बार दुष्प्रभाव का भी शिकार हो रहे हैं ऐसे में बच्चों को संस्कृति और संस्कारों से रूबरू करवाने के उद्देश्य के साथ गायत्री परिवार दिया की ओर से गायत्री शक्तिपीठ में आवासीय संस्कार शिविर चलाए जा रहा है। इ
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जानकारी देते हुए गायत्री परिवार से जुड़े प्रोफेसर विवेक विजय ने बताया कि आज की इस भाग दौड़ और तनाव भरी जीवन शैली में बच्चे सोशल मीडिया का उपयोग करते कई बार दुष्प्रभाव के शिकार भी हो जाते हैं। बच्चों में सोशल मीडिया की लत भी लग जाती है। जिन्हें छुड़ाना माता पिता के लिए भी काफी मुश्किल होता है। ऐसे में बच्चों को संस्कारों का पाठ पढ़ाने और उन्हें सोशल मीडिया के दुरुपयोग आदि से रूबरू करवाने के उद्देश्य से शिविर चलाए जा रहा है।
शिविर में बच्चों को खेल खेल में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां सिखाई जा रही है।
सुबह 5 बजे से रात 9 तक शिविर में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां करवाई जाती है। जिसमें बच्चों को भारतीय संस्कृति के मूल्य से अवगत करवाने के साथ ही खेल-खेल में आध्यात्मिक सूत्रों का अभ्यास भी करवाया जा रहा है। इस शिविर में 12 से 16 वर्ष के करीब 100 बच्चे हिस्सा ले रहे हैं। इन बच्चों को मोबाइल से दूर रखते हुए आध्यात्मिक वातावरण से रूबरू करवाया जा रहा है। इसके अलावा खेल-खेल में भी जीवन जीने की सीख और नैतिक शिक्षा का पाठ भी पढ़ाया जा रहा है।
ऐसा विचार इसलिए आया क्योंकि आज के समय में हम अपने संस्कारों से दूर होते जा रहे हैं इसलिए इस पीढ़ी को संस्कारों से अवगत करवाने के लिए यह कार्यक्रम रखा गया है। शिविर का समापन 17 जून को अभिभावक किशोर कार्यशाला के साथ किया जाएगा इसके अलावा इस पांच दिवसीय शिविर में बच्चों ने जो सीखा है उसका जीवंत मंचन भी किया जाएगा।
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