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G7 summit: इटली में आयोजित जी7 समिट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाया जाना पाकिस्तानियों को पच नहीं रहा है. पाकिस्तानी मामलों के जानकार ने कहा कि इसके लिए हमें उस लायक बनना पड़ेगा. पीएम मोदी लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद इटली की पहली विदेश यात्रा करके लौटे हैं. जी7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी को बतौर विशेष अतिथि बुलाये जाने को लेकर अब पाकिस्तान में चर्चा तेज हो गई है.
दरअसल, पीएम मोदी तीसरी बार भारत की सत्ता में आने के बाद जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 14 जून को इटली पहुंचे थे. भारत जी7 देशों का सदस्य नहीं है, इसके बावजूद भारत को इस कार्यक्रम में बुलाया गया था. दूसरी तरफ पाकिस्तान और उसके दोस्त चीन को आमंत्रित नहीं किया गया, वहीं पाकिस्तान से भी छोटे कई देशों को बुलाया गया था. इस मसले को लेकर पाकिस्तान के एक्सपर्ट हैरान हैं. पाकिस्तानी मामलों के जानकार साजिद तरार ने इस मुद्दे को लेकर पाकिस्तान के जाने-माने एक्सपर्ट कमर चीमा से बात की है.
पाकिस्तान डॉलर ब्लॉक में- पाकिस्तानी
कमर चीमा ने इस दौरान वैश्विक स्तर पर भारत की उभरती ताकत का जिक्र करते हुए सवाल किया कि हम इस समय चीन के ब्लॉक में हैं, इस वजह से शायद पाकिस्तान को नहीं बुलाया गया. इसका जवाब देते हुए साजिद तरार ने कहा, ‘पाकिस्तान हमेशा से अपने ब्लॉक में है, जिसका नाम है डॉलर ब्लॉक. हमें जहां से पैसे मिल जाएं हम उसी ब्लॉक में हैं. तरार ने कहा चीन से हमारी कोई रिश्तेदारी नहीं है. इमरान खान ने चीन के सीपीईसी प्रोजेक्ट को लगभग खत्म कर दिया था, ऐसे में हमारा कोई ब्लॉक है यह कहना उचित नहीं है.’
जो बाइडेन के भटकने की चर्चा
तरार ने कहा, इटली की प्रधानमंत्री जियार्जियो मेलोनी जी7 समिट में हीरो बनकर उभरी हैं. यूरोप में दुनियाभर से लोग पहुंच रहे हैं, जिसकी वजह से कुछ लोग परेशान हैं. इसी वजह से पश्चिम में वामपंथ कमजोर हो रहा है. तरार ने इस दौरान जी7 समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के ग्रुप से अलग होने की भी चर्चा की. उन्हों कहा कि शायद सच में उनकी यादश्त कमजोर हो गई है और वे किस दिशा में जा रहे हैं यह जान नहीं पाते हैं.
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