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देश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए इस साल हुई राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा 2024 (NEET-UG) पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। आरोप है कि इस परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा के दौरान लीक हो गया था, साथ ही कई सेंटरों पर भी गड़बड़ी होने के आरोप लग रहे हैं, जिसके बाद अब इस मामले को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अनेक गंभीर सवाल उठाए हैं।
एएनआई से बात करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि पिछले 5 सालों में पेपर लीक के 41 मामले सामने आए हैं, लेकिन इसके बाद भी प्रधानमंत्री की चुप्पी हैरान करने वाली है। वहीं अब नीट में हुआ घोटाला अत्यंत गंभीर है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस परीक्षा में 720 अंक पाने वाला एक छात्र ऐसा भी है जो हायर सेकेंडरी परीक्षा में फेल हो गया है। साथ ही उन्होंने NTA (नीट परीक्षा कराने वाली संस्था) के चेयरमैन प्रदीप कुमार जोशी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जिनकी अध्यक्षता में इतना बड़ा घोटाला हुआ अब वे ही इसकी जांच भी करेंगे। यह सरासर गलत है।
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘व्यापम घोटाले से लेकर NEET घोटाले तक, जब भी देश में राज्य और केंद्र सरकार में छात्रों की भर्ती के लिए लगभग 41 जगहों पर परीक्षाएं आयोजित की गई हैं, तो पेपर लीक की शिकायतें सामने आई हैं। पिछले 5 सालों में लगभग 41 ऐसे मामले सामने आए हैं। लगता है जैसे पूरी तरह से सुनियोजित ढंग से यह काम हो रहा है और दुख की बात यह है कि प्रधानमंत्री आज चुप हैं। यदि हम व्यापम घोटाले की ही बात करें तो माननीय सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को केस सौंपा था। लेकिन खुद सीबीआई ने जिस तरह की जांच की उसमें उन पर खुद पर करप्शन के आरोप लग चुके हैं।’
आगे उन्होंने कहा, ‘लाखों अभिभावकों ने सैकड़ों करोड़ रुपए खर्च करके उन्होंने अपने बच्चों को कोचिंग दिलवाई। कोचिंग करने के बाद जिन छात्रों को ज्यादा नंबर मिलने चाहिए थे, जिन्हें एम्स में पढ़ना चाहिए था, वे आज इस घोटाले की वजह से पीछे रह गए हैं। यहां तक बताया जा रहा है कि एक छात्र जिसको की NEET परीक्षा में 720 नम्बर आए हैं, वो हायर सेकेण्डरी (12th) की परीक्षा में फेल हुआ है। अब आप समझ सकते हैं जो छात्र बारहवीं की परीक्षा पास नहीं कर पाया आज उसे NEET एग्जाम ने एम्स में डॉक्टरी की पढ़ाई करने लायक बना दिया है।’
दिग्विजय ने कहा, ‘मेरे कुछ प्रश्न हैं, माननीय प्रधानमंत्री जी आपसे और शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जी आपसे, प्रदीप कुमार जोशी जी UPSC के अध्यक्ष रहे, आज उन्हें NTA का अध्यक्ष बनाया गया है। इससे पहले वे मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में PSC के अध्यक्ष रहे हैं। उन्हीं की अध्यक्षता में इतना बड़ा घोटाला हुआ, लेकिन जांच के आदेश भी वही दे रहे हैं और जांच भी वही करेंगे। यदि जिसने जुर्म किया है उसी को जांच सौंप दी जाए, तो ये घोटाले कैसे कम होंगे। यह सब घोटाले करने वाले लोगों का एक समूह है पूरे देश में, एक माफिया बन चुका है।’
आगे पेपर लीक की बात कहते हुए दिग्विजय ने कहा, ‘जिस दिन नीट परीक्षा हो रही थी, बिहार में मामला पकड़ा गया, पुलिस में रिपोर्ट दर्ज हुई, गुजरात में शिकायत दर्ज हुई है, लेकिन NTA कहता है कि इसमें कोई दिक्कत नहीं है, कोई अनियमितता नहीं हुई है। ग्रेस मार्क्स दे दिए गए, कई लोग ऐसे हैं, जिन्होंने ग्रेस मार्क्स पाकर 720 में से 720 अंक पा लिए। इस बारे में मैंने अनेक प्रश्न सोशल मीडिया पर डाले हुए हैं, उसका जवाब सरकार को देना चाहिए। मैं तो कहूंगा, माननीय प्रधानमंत्री जी यदि आप वाकई में देश में निष्पक्ष भर्ती अभियान चलाना चाहते हैं तो आपको तत्काल जितने भी डायरेक्टर्स हैं और जो चेयरमैन हैं NTA के उन्हें तत्काल हटाना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई करना चाहिए।’
साथ ही उन्होंने कहा, ‘मैं यह भी मांग करता हूं कि टेक्निकल फॉरेंसिक जांच इस पूरे NEET एग्जाम की होना जरूरी है, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। मैं प्रधानमंत्री जी से यह भी अनुरोध करूंगा कि इस पूरे NEET एग्जाम को आप कैंसल करिए और इस परीक्षा को फिर से करवाइए। आप समझ सकते हैं एम्स हमारे देश की प्रीमियम इंस्टिट्यूशन है, और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भी उसका नाम है, अगर उसमें भी आप ऐसे लोगों को भर्ती कराएंगे तो हालत क्या होगी आप समझ सकते हैं। इसलिए हम सभी को इस घपले के खिलाफ आवाज उठाना चाहिए।’
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