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रोडवेज बस। (सांकेतिक)
– फोटो : संवाद
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उत्तर प्रदेश के एटा में रोडवेज के परिचालकों की मनमानी हावी है। मंगलवार को एडीएम के निर्देश पर एएसडीएम ने डिपो की बस को चेक किया। जहां 41 यात्रियों में से 20 के टिकट सही मिले। जबकि 21 यात्रियों के टिकट फर्जी थे। एएसडीएम ने मामले की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दी है।
एटा डिपो की बस संख्या यूपी 81 बीटी 6057 दोपहर के समय अलीगढ़ गई थी। बस पर एआरएम का भाई परिचालक संजीव कुमार गया था। बस शाम के समय अलीगढ़ से वापस आ रही थी। इस दौरान एएसडीएम राजकुमार मौर्य ने बस को महाराणा प्रताप चौक पर रुकवा लिया। इस दौरान यात्रियों की टिकट चेक की।
एएसडीएम ने बताया बस में 41 यात्री सवार थे। इसमें से मशीन ने माध्यम से 20 यात्रियों के टिकट बनाए गए थे। जबकि 2 यात्रियों को हाथ से सादा कागज पर पैसे और हस्ताक्षर किया गया टिकट दिया गया था। एसडीएम ने जांच में पाया की मशीन से बने हुए 20 टिकट ही वास्तविक थे, बाकी 21 टिकट फर्जी थे। सभी यात्रियों से किराया पूरा वसूला गया था, मगर उन्हें फर्जी टिकट थमाया गया था।
मामले को गंभीरता लेते हुए एसडीएम ने तुरंत ही मौके पर सामूहिक रूप से सभी यात्रियों का टिकट बनवाया। उन्होंने बताया कि जब एक बस में इस प्रकार की घटना हुई है। तो अब तक न जाने कितने यात्रियों के साथ धोखा किया गया होगा। डिपो प्रभारी हरेंद्र यादव ने बताया कि परिचालक संजीव कुमार एआरएम को अपना भाई बताते हैं। इनके द्वारा कितनी टिकट बनाई गई या नहीं बनाई गई इसकी हमें जानकारी नहीं है।
व्हाट्सप ग्रुप से चलता है खेल
सूत्रों की माने तो परिचालकों का खेल व्हाट्सप ग्रुप के माध्यम से चलता है। अगर चेकिंग मिलती है तो तत्काल बस का परिचालक अन्य परिचालकों को व्हाट्सप ग्रुप के माध्यम से सूचना दे देता है। इससे परिचालक यात्रियों के टिकट बना देता है।
एआरएम राजेश यादव ने बताया कि परिचालक चचेरा भाई है। छुट्टी पर चल रहा हूं। मामला संज्ञान में आया है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
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