मिलिन्द कुमार
घोरावल सोनभद्र गल्लामंडी घोरावल के आच्छादित परिसर में लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 299 वीं जयंती का विशद समारोह रविवार को आयोजित हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा अहिल्याबाई होल्कर के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन से किया गया। मुख्य अतिथि के रुप में जगरनाथ पाल ने लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लोकमाता का अपना जीवन समाज के हितों को समर्पित रहा है जो आज भी प्रेरणा प्रदायी है और इसकी सार्थक परिणति अबतक जाज्वल्यमान है उसी रूप में पाल समाज के अंतर्निहित भाव के साथ।
मुख्य अतिथि ने कहा कि अपने समाज को जोड़कर रखना पड़ेगा। शिक्षा की अती आवश्यकता पर पुरजोर बल देते हुए आगे अपने विचार अभिव्यक्त किये मुख्य अतिथि ने और शिक्षा को सबसे बड़ा हथियार बताते कहा कि यही एक ऐसा मार्ग है जिससे समाज का समग्र विकास होगा। पाल जाति पूरे विश्व में अपनी अलग विशिष्ट पहचान बनाए हुए है।
मंच पर अतिथियों ने बताया कि काशी में मंदिरों के जीर्णोधार के अलावा विभिन्न स्थलों पर पेय जल के लिए कूप समेत अन्य निर्माण कार्य अहिल्या बाई होल्कर ने करवाए। एक समय ऐसा हुआ कि काशी समेत हिंदुओं के अन्य तीर्थ स्थलों – मंदिरों का विध्वंस करने की कवायद चल पड़ी थी, ऐसे समय में अहिल्या बाई ने धर्म ध्वजा को आगे बढ़ाते हुए मंदिरों का जीर्णोद्वार कराते सनातन धर्मियों को जोड़ने का कार्य किया।