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अभी तक तो ये सुना था, और ये हमे पता भी था की माता-पिता अपने बच्चे को जीवन देते हैं। एक मां ही होती है जो अपनी संतान के लिए अपनी जान तक देने तैयार रहती है,पर शायद यह पहली बार देखने को मिला की एक बूढ़ी दादी ने अपने पोते को किडनी देकर उसकी जान बचाई हैं।
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70 साल की दादी जिन्होंने अपने पोते को किडनी दी है।
दमोहनाका स्थित बड़ेरिया मेट्रो प्राइम हॉस्पिटल में 70 वर्षीय दादी ने 23 वर्षीय पोते को एक किडनी देकर ना सिर्फ नया जीवनदान दिया बल्कि तीसरी पीढ़ी को जीवित किया है। दरअसल सिहोरा में रहने वाले 23 वर्षीय युवक का पिछले दो सालों से स्वास्थ्य खराब चल रहा था। कुछ दिनों पहले जब उसे अस्पताल में भर्ती किया गया तो जांच के दौरान पता चला कि उसकी किडनी खराब है। इतना सुनते ही परिवार परेशान हो गया। सभी को चिंता थी कि इतनी छोटी उम्र में आखिर ये बीमारी कैसे हो गई। 23 वर्षीय युवक को अस्पताल में भर्ती करवाया गया जहां वरिष्ठ किडनी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विशाल बडेरा एवं किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ राजेश पटेल ने मरीज के परिवार वालों को किडनी ट्रांसप्लांट की सलाह दी।
युवक की अगर जान बचाना हैं तो उसका एक ही उपाय था कि किडनी ट्रांसप्लांट। ऐसे में अपने पोते की जान बचाने के लिए 70 वर्षीय दादी आगे आई और उन्होंने कहा कि मैं अपनी किडनी पोते को दूंगी। परिवार सहित डाक्टर भी हैरान थे, पर बुजुर्ग महिला जिद पर अड़ी रहीं। आखिरकार परिवार वालों ने भी अपनी सहमति किडनी ट्रांसप्लांट को दे दी। डॉक्टर विशाल बडेरा एवं किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ राजेश पटेल ने सफल किडनी ट्रांसप्लांट किया। आपरेशन के बाद दादी और पोता दोनों ही स्वास्थ्य हैं।
किडनी ट्रांसप्लांट के बाद पोता और दादी दोनों ही स्वस्थ है।
70 साल की उम्र में किडनी देने वाली बुजुर्ग महिला ने पोते को किडनी देकर समाज में दादी-पोते के रिश्ते की मिसाल कायम की हैं, साथ ही समाज को एक नया प्रेरक सन्देश भी दिया कि दिल में किसी की जान बचाने का जज्बा हो तो उम्र भी कोई मायने नहीं रखती। किडनी ट्रांसप्लांट में मेट्रो प्राइम अस्पताल के डॉक्टर विशाल बढेरा, डॉक्टर राजेश पटेल निश्चेतना विशेषज्ञ डॉक्टर विपिन रघुवंशी और उनकी टीम का योगदान रहा।
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