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इस साल मार्च महीने में हरियाण का CM बदला गया था। मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सैनी को नियुक्त किया गया था।श
लोकसभा चुनाव में 5 सीटें हारने के बाद हरियाणा में बीजेपी ने हार की समीक्षा शुरू कर दी है। अब तक रिव्यू मीटिंगों में मिले फीडबैक में 4 बड़े मुद्दों के कारण पार्टी को 5 लोकसभा सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। शहरों में प्रॉपर्टी आईडी और नो ड्यूज सर्टिफिकेट (N
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प्रचार के दौरान इन मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों ने माहौल को अपने पक्ष में किया। यही वजह रही कि हरियाणा की 46 विधानसभा सीटों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा।
चंडीगढ़ में लोकसभा चुनाव रिजल्ट के दो दिन बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने विधायक दल की मीटिंग बुलाई थी। इस मीटिंग के बाद हुए डिनर पार्टी में जजपा के बागी दो विधायक भी पहुंचे थे। (फाइल फोटो)
MLA बोले- इन मुद्दों में संशोधन जरूरी
सरकार को यह फीडबैक मंत्री-MLA और पार्टी पदाधिकारियों की ओर से दिया गया है। ये सभी फैसले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में लिए गए थे। खट्टर ने इन फैसलों को प्रदेश के हित में बताया था, लेकिन अब वह मुसीबत बन चुके हैं।
एक दिन पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई विधायक दल की बैठक में विधायकों ने दो टूक कहा था कि यदि इन चारों मुद्दों में यदि संशोधन किया जाता है तो सरकार की छवि बेहतर हो जाएगी।
इस दौरान पूर्व सीएम मनोहर लाल भी मौजूद थे, हालांकि उन्होंने फीडबैक पर यह कहा है कि यदि इन मुद्दों को वापस लिया जाता है तो विपक्ष इसको विधानसभा चुनाव में फिर से मुद्दा बनाएगा।
सीएम सैनी ने अफसरों से मांगी रिव्यू रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव के मिले फीडबैक के बाद अब सरकार में मंथन शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ने इसके लिए अफसरों को रिव्यू कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं। बताया गया कि अगले सप्ताह फिर विधायक दल की बैठक हो सकती है। जिसमें इन मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। हरियाणा CMO के सूत्रों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए सीएम सैनी पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरकार खट्टर के कार्यकाल के दौरान लिए गए इन फैसलों को पलटेंगे।
इसलिए बड़ा फैसला लेंगे सीएम सैनी
हरियाणा में साल के लास्ट में विधानसभा चुनाव होने हैं। लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव भी भाजपा के लिए बेहद खास है। यही वजह है कि केंद्रीय नेतृत्व ने 10 साल की एंटी इनकंबेंसी से बचने के लिए सरकार में बदलाव तक कर डाला। हालांकि, इस बदलाव का लोकसभा चुनाव पर असर नहीं दिखा। अब बदलाव के बाद पार्टी के नए CM नायब सैनी के पास 3 महीने का टाइम है। ऐसे में अब सैनी सरकार बड़े फैसले लगी।
फैसलों को पलटने में 2 बड़े पेंच
फैसलों पर यूटर्न से विपक्ष एक्टिव होगा
हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कार्यकाल में लिए गए फैसलों पर यूटर्न में पहला पेंच विपक्ष है। यदि सैनी सरकार इन फैसलों को वापस लेती है या संशोधन भी करती है तो विपक्ष विधानसभा चुनाव में इसको मुद्दा बनाएगा। इसके साथ लोगों में इसका गलत मैसेज जाएगा।
भ्रष्टाचार बन जाएगा गले की फांस
अभी पूर्व सीएम के फैसलों से अधिकांश काम पोर्टल के जरिए किए जा रहे हैं। ऑनलाइन हो रहे कामों में सभी जरूरी दस्तावेज पूरे होने के बाद ही पेंशन, प्रॉपर्टी आईडी, एनडीसी जैसे काम होते हैं। जब ये काम मैनुअल शुरू होंगे तो लोगों को ऑफिस जाना होगा। ऐसे में रिश्वत के मामले बढ़ने की संभावना है। इससे सरकार की छवि पर विपरीत असर पड़ेगा।
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