[ad_1]
55 की रामदेई ने बेटे को जन्म दिया।
शादी के 35 साल बाद खेड़ली के दंपती रामदेई व एलआर मीणा के घर आंन में संतान की किलकारी गूंजी है। दिल्ली से जयपुर तक 30 सालों में करीब 35 लाख रुपए से अधिक दवा व इलाज पर खर्च कर दिए। आखिरी में उम्मीद अलवर के आरआर हॉस्पिटल में आकर पूरी हुई। इस दंपती ने डॉ
.
6 साल से पिहर नहीं गई महिला
महिला रामदेई समाज के तानों से इतनी परेशान हो चुकी थी कि पिछले करीब 6 साल से अपने पिहर भी नहीं गई। यही नहीं रिश्तेदारी में शादी ब्याह के कार्यक्रमों में भी जाना बंद कर दिया था। पति व पत्नी का कहना है कि समाज के लोग इतने ताने मारते थे कि दुबारा जाना मुश्किल हो गया। आखिरी के कुछ सालों में तो ऐसा लगने लग गया था कि अब जिंदगी खत्म कर लेने चाहिए।
पहले फौज में फिर बैंक में नौकरी
एलआर मीणा ने बताया कि उसकी उम्र 60 साल है। वह बैंक से रिटायर हो चुका है। उससे पहले फौज मेंनौकरी है। नौकरी का अधिकतर पैसा पत्नी के इलाज में ही खर्च होता गया। असल में जितना भी पैसा एकत्रित होता। उसे डॉक्टरों पर ही खर्च कर देते। लेकिन कहीं से कोई उम्मीद नहीं जगी। देवी-देवताओं के भी खूब गए। लेकिन आखिर में आरआर हास्पिटल के बारे में दैनिक भास्कर की एक खबर पढ़ी थी। जिसके बाद यहां अस्प्ताल में आए। तब डॉक्टर से इलाज शुरू कराया। अब यह खुशी गोद में आ चुकी है। मानो हमारी नई जिंदगी शुरू हो गई। पत्नी के खुशी के आंसू रुक नहीं रहे। वो बहुत खुश है। मैं भी बहुत खुश हूं। अब लग रहा है ये परिवार बच गया।
आर आर हास्पिटल में दंपती के साथ डॉक्टर रीना यादव और नवजात।
डॉक्टर के पैर छूते रहे
डॉ रीना यादव ने बताया कि एलआर मीना व उसकी पत्नी दोनों व्यवहार अच्छा है। जैसा उनको इलाज दिया। उसके अनुसार चले। करीब दो साल तक दवाएं चली। आखिर में उनका गर्भ ठहरा। तभी से परिवार खुश है। अब मां ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। सिजेरियन से प्रसव हुआ है। सवा दो किलो बच्चे का वजन है। इस उम्र में बहुत कम गर्भ ठहरता है। इस महिला को भी बीच में पीरियड्स आने बंद हो गए थे।
[ad_2]
Source link