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गुड़गांव लोकसभा सीट को हरियाणा में भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित सीटों में से एक माना जाता है। यहां भाजपा उम्मीदवार राव इंद्रजीत सिंह रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज करने के लिए प्रचार कर रहे थे। हालांकि, जब 4 जून को गिनती के लिए ईवीएम खोई गईं तो एक अलग तस्वीर सामने आई। राज बब्बर ने उन्हें कड़ी टक्कर दी। राव इंद्रजीत 75,000 वोटों के अंतर से जीतने में कामयाब रहे। उनकी जीत में शहरी मतदाताओं ने अहम भूमिका निभाई।
इस बार राव इंद्रजीत सिंह अपनी छठी जीत दर्ज करने में सफल रहे। हालांकि, इस बार के परिणाम ने दक्षिण हरियाणा में एक प्रभावशाली अहीर नेता के रूप में उनके कद को कुछ कम कर दिया है। गुड़गांव लोकसभा सीट के नौ विधानसभा क्षेत्रों में से राव इंद्रजीत सिंह छह निर्वाचन क्षेत्रों में आगे थे। पटौदी, बावल और रेवाड़ी उनका क्षेत्र माना जाता है, जबकि इन क्षेत्रों से वह ज्यादा बढ़त हासिल नहीं कर सके। वह गुड़गांव, बादशाहपुर विधानसभा के शहरी मतदाताओं के कारण जीतने में सफल रहे।
इस बार जीत का अंतर कम हुआ
चुनाव आयोग के आंकड़ों की बात करें तो राव इंद्रजीत सिंह की छठी जीत सबसे कम अंतर से हुई है। साल 1999 में 1 लाख 39 हजार वोट से चुनाव जीता था। इसके बाद साल 2004 में 2 लाख 10 हजार, साल 2009 में 84 हजार 864, साल 2014 में 2 लाख 74 हजार और साल 2019 में 3 लाख 86 हजार वोट के अंतर से चुनाव में जीत दर्ज की थी। वहीं, इस बार के चुनाव में सिर्फ 75 हजार वोट से चुनाव में जीत दर्ज की।
रणनीति ने नहीं किया काम
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने बताया कि राव इंद्रजीत सिंह ग्रामीण मतदाताओं पर प्रभाव रखने का दावा करते हैं और उन्होंने अपने अभियान का अधिकांश समय ग्रामीण इलाकों में बिताया। उन्होंने कहा कि लेकिन वह शहरी मतदाता की वजह से जीते। दरअसल, शहरी मतदाता उम्मीदवार को नहीं, बल्कि पार्टी को वोट देते हैं।
नाराजगी भी कारण
कार्यकर्ताओं ने बताया कि नूंह हिंसा के बाद इंद्रजीत के प्रति लोगों में काफी नाराजगी थी। प्रचार के दौरान उन्होंने कई दिन नूंह जिले में बिताए, लेकिन वहां कांग्रेस को अधिक वोट मिले।
2024 में विधानसभावार मिले वोट
विधानसभा भाजपा कांग्रेस
गुड़गांव 162825 60439
बादशाहपुर 196805 75081
सोहना 89654 83543
पटौदी 101187 58197
रेवाड़ी 96938 60439
बावल 85903 63654
पुन्हाना 16181 108645
फिरोजपुर झिरका 25100 123568
नूंह 30568 98070
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