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भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर बसे बाड़मेर और जैसलमेर। दुनिया के सबसे गर्म शहरों की लिस्ट में ये नाम टॉप-10 में आते हैं।
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ग्राउंड जीरो पर गर्मी की प्रचंडता जानने के लिए जयपुर से 700 किलोमीटर का सफर कर भास्कर टीम पहले बाड़मेर और फिर वहां से 300 किलोमीटर का सफर कर जैसलमेर और उसके बाद भारत-पाक बॉर्डर पर पहुंची।
गर्मी के कारण कर्फ्यू का माहौल था। दोनों जिलों में शहर की सड़कें और गांव सुनसान दिखे।
तेज गर्मी के बीच सुनसान हाईवे पर सिर्फ रेत तैर रही थी।
गर्मी का असर जानने के लिए हमने दो प्रयोग किए…
चंद मिनटों में सिक गए पापड़ और पॉपकॉर्न
हमने पहले पापड़ और उसके पास में मक्के के कुछ दाने रख दिए। इसके बाद दोनों को रेत डालकर ढक दिया। रेत की हल्की सी परत ही पापड़ पर डाली।
रेत बहुत ज्यादा गर्म थी और धूप की किरणें भी चुभ रही थीं। वहां दो मिनट भी रूकना मुश्किल हो रहा था। हम चंद मिनटों के लिए एक पेड़ के पास खडे़ हो गए।
तीन से चार मिनट इंतजार के बाद फिर वहां पहुंचे और रेत हटाई। पापड़ कुछ जगहों से एकदम आग से सिकने जैसा लग रहा था और कुछ जगह से सख्त हो गया था।
इसके बाद हमने पास में ही रेत में दबाए मक्के के दानों पर से रेत हटाई। दाने कुछ कच्चे थे तो ऐसे में हमने दो से तीन मिनट का इंतजार किया।
कुछ देर के बाद हमने रेत हटाई तो मक्के के दाने पॉपकॉर्न में बदल गए थे। हालांकि कुछ दाने सही से नहीं सिक पाए थे।
रेत इतनी ज्यादा गर्म थी कि पापड़ और पॉपकॉर्न कुछ ही मिनट में सिक गए।
54 डिग्री पारा, तापमापी बंद पड़ा
हमने भारत-पाक बॉर्डर पर गर्मी की भयावहता जांचने के लिए थर्मामीटर ऑन किया। तापमान की रीडिंग 49.1 से शुरू हुई, जो कुछ ही सेकेंड में 53.8 डिग्री पहुंच गई।
इसके बाद अचानक थर्मामीटर गर्म हो गया और स्क्रीन ब्लैक हो गई। हम जिस मोबाइल से वीडियो शूट कर रहे थे, उसमें भी बार-बार अलर्ट मैसेज आने लगा। मोबाइल हीट का मैसेज स्क्रीन पर आने लगा। इसके बाद दूसरे मोबाइल से वीडियो शूट करना पड़ा।
बॉर्डर पर तैनात बीएसएफ के कमांडेंट सफदर खान ने बताया कि यहां थर्मामीटर कुछ सेकेंड के लिए ही काम करता है, फिर गर्मी से हैंग होकर बंद हो जाता है।
दिन में 55 डिग्री तक तापमान रहता है। शाम को 5 बजे के बाद तापमान कम होता है। हालांकि मौसम विभाग का तापमान रिकॉर्ड करने का अलग तरीका होता है। वे सतह से ऊपर रिकॉर्ड करते हैं।
तापमान 53.8 डिग्री क्रॉस होने ही थर्मामीटर ने काम करना बंद कर दिया।
बाड़मेर : सुबह 10 से शाम 6 बजे तक घर से नहीं निकलते
बाड़मेर शहर में घुसते ही रेतीले धोरों से उठ रही गर्म हवाएं नौतपा का अहसास करा रही थीं। चेहरे को झुलसा रही थीं।
बाड़मेर के रामसर गांव में सरपंच गिरीश खत्री से मिले। खत्री ने बताया कि नौतपा में गांव हो या शहर कर्फ्यू सा माहौल रहता है।
सुबह 10 से शाम 6 बजे तक घर से नहीं निकलते, जब तक कि कोई बहुत जरूरी काम न हो। कोशिश करते हैं कि काम सुबह 10 बजे से पहले निपटा लें।
भास्कर टीम दोपहर के समय रिणाऊ गांव पहुंची। पूरा गांव सुनसान था।
जैसलमेर : जानवरों ने पेड़ की छांव को अपना घर बनाया
जैसलमेर से हम रामगढ़ और वहां से रिणाऊ गांव पहुंचे। इन गांवों में ऐसा हाल था कि कोई बच्चा या बुजुर्ग तक दिखाई नहीं दे रहा था। केवल रेत बह रही थी।
तनोट के लिए रवाना हुए तो रास्ते में सड़कें सूनी थीं। इस बीच सड़क के किनारे पर कुछ बड़े पेड़ दिखाई दिए।
इन पेड़ों के नीचे छांव को ही पशुओं ने अपना घर बना रखा है। इस गर्मी में पशु भी खाने की तलाश छोड़कर दिनभर पेड़ की छांव में बैठे रहते हैं। जहां पर पानी की व्यवस्था थी ज्यादातर पशु भी वहीं पर बैठे थे।
जैसलमेर के रास्ते में रेत के धोरों के बीच पेड़ों की छांव मिली तो पशु गर्मी से बचने के लिए वहीं बैठ गए।
8 दिनों में 50 से ज्यादा लोगों की मौत
राजस्थान में नौतपा ने बेहाल कर रखा है। हालात यह है कि हर दिन अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मरीज आ रहे हैं। पिछले 8 दिनों में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।
30 मई के लिए मौसम विभाग ने जैसलमेर, बाडमेर, बीकानेर, जोधपुर चूरू, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर सहित पश्चिमी राजस्थान के 20 जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। उदयपुर समेत प्रदेश के 8 जिलों में ऑरेंज अलर्ट है।
अगले 24 घंटे में गिरेगा प्रदेश का तापमान
मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि अगले 24 घंटों में प्रदेश के तापमान में गिरावट का दौर शुरू हो जाएगा। लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।
प्रदेश में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है। 30 मई को लू का असर कुछ कम होगा। इसके असर से राजस्थान के पूर्वी भाग (शेखावाटी समेत जयपुर संभाग के कुछ इलाके शामिल) में 31 मई को धूल भरी आंधी चलने के साथ बारिश होने की संभावना है। इस दौरान हवा की रफ्तार 40 से 50 किलोमीटर तक भी पहुंच सकती है। एक जून को राजस्थान के अधिकतर जिलों में आंधी व बारिश की संभावना है।
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