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रणजीत सिंह के मर्डर केस में हाई कोर्ट ने डेरामुखी सहित पांच दोषियों को बरी कर दिया है। हाई कोर्ट के इस फैसले से रणजीत सिंह के परिवार को झटका लगा है। रणजीत का परिवार आगे भी कानूनी लड़ाई जारी रखेगा और इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा। इसके लिए
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रणजीत सिंह और गुरमीत राम रहीम।
रणजीत के परिवार ने 19 साल लड़ा था केस
आपको बता दें कि 2021 में जब सीबीआई की विशेष अदालत ने राम रहीम सहित पांच दोषियों को सजा सुनाई थी तो रणजीत सिंह का परिवार भावुक हो गया था। रणजीत सिंह के परिवार ने 19 साल तक केस लड़ा था और दीवाली तक नहीं मनाई थी। डेरामुखी को सजा मिलने के बाद रणजीत के बेटे जगसीर ने कहा था कि अब हमारा परिवार दीवाली मनाएगा। जगसीर ने कहा था कि जब पिता रणजीत सिंह का कल्त किया गया तब मैं सात साल का था, आज 30 का हो गया हूं। जगसीर ने कहा, उसके दादा ने हत्यारों को सजा दिलाने के लिए जो संघर्ष शुरू किया था। मेरे दादा 2016 में उनका निधन हो गया था। जगसीर ने बताया कि गोलियों की आवाज सुनकर और पिता के छलनी चेहरे की याद आते ही आज भी उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
जगसीर ने बताया कैसे हुआ था पिता का मर्डर
जगसीर ने बताया कि वारदात के समय वह सात साल के थे और ट्यूशन के बाद घर पहुंचे थे। मां ने बताया कि पिता जी खेत में काम कर रहे मजदूरों के लिए गए हैं। इसके बाद मैं खेल में मस्त हो गया। कुछ देर बाद सूचना मिली कि गांव में किसी की गोली मारकर हत्या हुई है। जगसीर ने कहा, मां सहित घर के अन्य सदस्य सूचना के बाद खेत की ओर भागे। मैं इस बात से काफी परेशान हो गया और खेत की ओर चल दिया। खेत के पास पहुंचा तो देखा कि भीड़ जमा है और मां रो रही है। साथ में दादा जोगिंदर सिंह परेशान से खड़े हैं और मां को ढांढस बंधा रहे हैं। जगसीर के मुताबिक काफी देर बाद भीड़ को साइड कर देखा तो वहां मंजर देखकर होश उड़ गए। पापा का गोलियों से छलनी चेहरा दिखा। पहचान भी नहीं पा रहा था कि यह मेरे पिता हैं।
22 साल पहले कर दी थी रणजीत सिंह हत्या
10 जुलाई 2002 को डेरे की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे कुरुक्षेत्र के रणजीत सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। क्योंकि डेरा प्रबंधन को शक था कि रणजीत सिंह ने साध्वी यौन शोषण की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी। पुलिस जांच से असंतुष्ट रणजीत सिंह के बेटे जगसीर सिंह ने जनवरी 2003 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी। इस पर मामले में रणजीत के परिवार ने 19 साल कोर्ट में लड़ाई लड़ी थी। इस मामले में 2021 को सीबीआई कोर्ट ने राम रहीम सहित पांच दोषी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
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