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राजस्थान में पानी के संकट पर जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि मैं फूंक मारकर, बालाजी बनकर पानी ला दूं, संभव नहीं। पानी तो जितना हमारे पास है, वही डिस्ट्रीब्यूट होगा। जलदाय मंत्री चौधरी सोमवार को सचिवालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
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जलदाय मंत्री ने कहा- जितना पानी हमारे पास है। उतना हम दे रहे हैं। जनता से अपील है कि वह पानी की बचत करे। जितना बीसलपुर में पानी है, जितनी हमारी कैपेसिटी है। उतना 100 परसेंट पानी जनता को दे रहे हैं। जयपुर में दे रहे हैं। मैं समाधान बता रहा हूं। समाधान यह तो है नहीं कि मैं फूंक मार दूं और बालाजी बनकर…यहां लाकर यह कर दूं। जितना पानी हमारे पास उपलब्ध होता है। वही डिस्ट्रीब्यूशन करूंगा। उसमें कोई बेईमानी हुई तो सुचारू करेंगे। जो लीकेज हो रहा है उसको रोकेंगे। जो चोरी हो रहा है, वह लोग रोकेंगे।
जलदाय मंत्री ने कहा- मैं जयपुरवासियों और राजस्थानवासियों से अपील करना चाहता हूं कि पानी का सभी सदुपयोग करें। इस संकट में सहयोग जरूरी है। फ्लोराइड वाला पानी है तो उसे कपड़े धोने के काम लें। जहां पीने का शुद्ध पानी है। उसको सही ढंग से काम लें। पानी बचाएंगे तो ही बचेगा। आज टैंकरों से पानी देना पड़ रहा है। जब भूजल में पानी ही खत्म हो जाएगा तो टैंकर क्या करेंगे?
जलदाय मंत्री चौधरी सचिवालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
भगवान से प्रार्थना करो, बारिश अच्छी आ जाए, बीसलपुर नहीं भरा तो सोचो क्या हालत होगी?
चौधरी ने कहा- भगवान से प्रार्थना करो कि जल्दी से जल्दी बारिश हो जाए। जो व्यवस्था पहले हो जानी चाहिए थी, वो नहीं हुई। इस बार ईश्वर हमारे ऊपर मेहरबान नहीं रहा। भाग्य खराब हुआ और दुर्भाग्य से बारिश कम आई। बीसलपुर नहीं भरा तो सोचो क्या हालत होगी? ऐसा हुआ तो कहीं से ट्रेनों से भी पानी लाना पड़ेगा। यह स्थिति क्यों आई। अगर 5 साल पहले कांग्रेस सरकार इस पर काम करती तो आज यह स्थिति नहीं आती। अब हम ईआरसीपी पर काम कर रहे हैं।
पानी की 100 प्रतिशत शिकायतें दूर नहीं कर सकते
जलदाय मंत्री ने कहा- पिछले तीन चार साल में कोई भर्ती नहीं हुई। कांग्रेस राज में जेईएन के 100 पदों को छोड़ भर्ती नहीं हुई। मेरे पास विभाग की शिकायतें आती रहती हैं। हर जिले से शिकायतें हैं। हम शत प्रतिशत पानी की शिकायतें दूर नहीं कर सकते। आने वाले समय में पानी की बड़ी तकलीफ है। ईश्वर से प्रार्थना कीजिए कि बारिश आ जाए।
हमारे पानी के 8 लाख कनेक्शन बढ़े, इससे पानी की मांग बढ़ी
हर साल गर्मी में पानी की दिक्कत रहती है। 2018 के बाद ऐसी हालत बनी है कि तापमान अचानक बढ़ गया है। इस साल हमारे बांधों में 35 फीसदी पानी बचा है। अब तक हर साल 35 से 45 डिग्री के बीच तापमान रहता था। इस बार तापमान 45 से 50 डिग्री के बीच हो गया है। तापमान ज्यादा होने से संकट हुआ है।
पिछली सरकार ने पांच साल ईआरसीपी का काम किया होता तो आज ये हालात नहीं होते। हमारे पानी के कनेक्शन बढ़ गए। इससे भी पानी की डिमांड बढ़ी है। हमारे पानी का स्तर 100 फीट नीचे चला गया। हमारे पानी के कनेक्शन 8 लाख बढ़ गए, इससे भी पानी की डिमांड बढ़ी है। हम जनता को पेयजल सप्लाई का प्रयास कर रहे हैं। पिछली कांग्रेस सरकार अगर ईआरसीपी पर काम करती तो जनता को दिक्कत नहीं होती। अब नदियां जुड़ेंगी और ईआरसीपी का काम पूरा होगा, तब पानी का संकट दूर होगा।
बीसलपुर बांध में केवल 32 प्रतिशत पानी बचा
जयपुर और अजमेर को पानी सप्लाई करने वाले बीसलपुर बांध में केवल 32 प्रतिशत पानी बचा है। बीसलपुर का गेज 310 आरएल मीटर तक पहुंच चुका है, कुल भराव क्षमता 315.50 मीटर है। 1095 एमक्यूएम मीटर में से 356 एमक्यूएम पानी बचा है।
राज्य के बड़े बांधों में 48 प्रतिशत पानी, चार बड़े बांध पूरी तरह खाली
राज्य के बड़े बांधों में राणा प्रताप सागर में 67 प्रतिशत, कोटा बैराज में 99 प्रतिशत, जवाहर सागर में 80 प्रतिशत और माही बजाज सागर 40 प्रतिशत पानी बचा है। जवाई बांध में 20 प्रतिशत, जयसमंद बांध में 48 प्रतिशत, जाखम बांध में 20 प्रतिशत पानी बचा है। जोधपुर का सरदार समंद बांध पूरी तरह खाली है। जयपुर जिले के तीनों बड़े डेम रामगढ़,कालख और छापरवाड़ा पूरी तरह खाली है।
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