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China Xi Jinping : चीन की जिनपिंग सरकार ने 2018 में इस्लाम के चीनीकरण के लिए एक योजना शुरू की थी, जिसका उद्देश्य विदेशी शैली का विरोध करना और चीनी वास्तुकला को बढ़ावा देना था. इसका असर भी दिख रहा है, क्योंकि चीन में लगातार मस्जिदों से अरब शैली को मिटवाया जा रहा है. अब चीन में अरबी शैली में बनी आखिरी बड़ी मस्जिद की इमारत में भी कई बदलाव किए गए हैं. मस्जिद के गुंबद और मीनारों को भी बदल दिया गया. ये अब अरबी शैली के बजाय चीनी अंदाज में दिख रही है. अब तक चीन में इसी तरह कई मस्जिद के गुंबद और मीनारें हटाई गई हैं. शिनजियांग में इसको लेकर सबसे बड़ा अभियान चला है. कम्युनिस्ट पार्टी के नेता जिंगरुई ने कहा था कि मुस्लिम बहुल प्रांत में इस्लाम का चीनीकरण जरूरी था.
मस्जिदों को तोड़ने के लग रहे आरोप
राष्ट्रीय धार्मिक कार्य सम्मेलन में शी जिनपिंग ने इस्लाम के चीनीकरण को लेकर सबसे पहले चर्चा 2016 में की थी. साल 2017 में चीनी सरकार ने मुस्लिमों को लेकर सख्त रुख अपनाना शुरू किया. 2017 के बाद से चीन ने मुसलमानों पर की गई कार्रवाइयों को धार्मिक अतिवाद को खत्म करने का प्रयास बताया है. इसमें उइगर मुस्लिमों के धार्मिक अनुष्ठानों को प्रतिबंधित किया गया और बड़ी तादाद में लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. इसको लेकर शिनजियांग में मस्जिदों को तोड़ने के आरोप भी चीनी अफसरों पर लग हैं, क्योंकि यहीं पर सबसे ज्यादा यह कार्रवाई शुरू हुई है.
मानवाधिकार का किया उल्लंघन
इस कार्रवाई को लेकर चीन पर लगातार मानवाधिकार उल्लंघन के भी आरोप लगे हैं. संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने 2022 की रिपोर्ट में कहा, चीनी सरकार ने शिनजियांग में गंभीर मानवाधिकारों का उल्लंघन किया था. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना के बावजूद चीन अपनी नीति से पीछे नहीं हटा है. ह्यूमन राइट्स वॉच की नवंबर 2023 की रिपोर्ट में कहा गया कि चीनी सरकार का मस्जिदों और मुस्लिमों पर कई तरह की पाबंदी लगाने वाला अभियान शिनजियांग, निंग्जिया और गांसु प्रांत तक चल रहा है. अब चीन में अरबी शैली में बनी आखिरी बड़ी मस्जिद की इमारत में भी कई बदलाव किए गए हैं. मस्जिद के गुंबद और मीनारों को भी बदल दिया गया है.
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