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प्रतापगढ़ में वन विभाग की ओर से आगामी मानसून सीजन में पौधारोपण के लिए तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके तहत नर्सरी में पौधे तैयार किए जा रहे हैं। तैयारी का जायजा लेने के लिए डीएफओ हरिकिशन सारस्वत धरियावद नर्सरी पहुंचे और तैयार किए जा रहे पौधों
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वहीं गत वर्ष के भी जिले की नर्सरी में पौधे बचे हुए है। जिससे अधिक ऊंचाई वाले पौधे भी लगाए जाएंगे। इस वर्ष जहां नर्सरियों में 3 लाख 85 हजार पौधों का लक्ष्य रखा गया है। वहीं गत वर्ष के दो लाख 61 हजार पौधे बचे हुए है। ऐसे में इस वर्ष करीब साढ़े 6 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
गौरतलब है कि गत वर्षों से जंगल में पेड़ों की अवैध कटाई होने लगी है। ऐसे में हरियाली का क्षेत्रफल कम होता जा रहा है। जिससे वन विभाग भी चिंतित है। इसे देखते हुए स्थानीय प्रजातियों को अधिक महत्व दिया जा रहा है। जिसमें वन विभाग की ओर से जंगल की जमीन पर वृहद् स्तर पर पौधे लगाने का बीड़ा उठाया गया है। स्थानीय पौधे लगाने के तहत यह मंशा है कि जीवित रहने वाले पौधे की संख्या भी अधिक होगी।
जिले की नर्सरी में स्थानीय प्रजातियों के पौधे तैयार किए जा रहे हैं। जिसमें अर्जुन, बहेड़ा, करंज, खजूर, जामुन, आंवला, खेर, बेर, बांस, सेजना, कढ़ाया, चुरेल, खिरनी, रोज, खेर इत्यादि के पौधे तैयार किए जा रहे हैं। जिले में 6 रेंज में पौधे तैयार किए गए हैं। इसमें धरियावद, बांसी, पीपलखूंट, प्रतापगढ़, छोटी सादड़ी, देवगढ़ रेंज की नर्सरी में पौधे तैयार किए गए हैं। सारस्वत ने बताया कि उच्च अधिकारियों के डर को देखते हुए भी सभी तैयारियां को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पूर्ण इसके साथ ही आमजन और स्वयं सभी संगठनों की भागीदारी भी पौधा रोपण में हो इसके लिए भी विभाग की ओर से सस्ती दरों पर पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
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