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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय ने वर्तमान सत्र से तीन शुल्क समाप्त कर दिए हैं। इसमें मुद्रण, क्रीड़ा और विकास शुल्क के 460 रुपये शामिल हैं। विश्वविद्यालय के इस कदम से छात्र-छात्राओं काे राहत मिलेगी। विश्वविद्यालय सहित संबद्ध महाविद्यालय और व्यक्तिगत छात्रों को इसका लाभ मिलेगा।
वित्त समिति की संस्तुति पर कुलपति के आदेश पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने शुल्क समाप्त कर दिया है। इसमें प्रथमा, पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा, शास्त्री और आचार्य के छात्रों को अब 460 रुपये कम शुल्क देना होगा। इसके साथ ही विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के व्यक्तिगत छात्रों के शुल्क में भी कमी की गई है।
कक्षा | पुराना शुल्क | नया शुल्क |
प्रथमा | 1460 | 1000 |
पूर्व मध्यमा प्रथम वर्ष नवीन | 1460 | 1000 |
पूर्व मध्यमा प्रथम वर्ष प्राचीन | 1460 | 900 |
पूर्व मध्यमा द्वितीय वर्ष | 1460 | 900 |
उत्तर मध्यमा प्रथम वर्ष नवीन | 1460 | 1000 |
उत्तर मध्यमा प्रथम वर्ष प्राचीन | 1460 | 900 |
उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष | 1460 | 900 |
शास्त्री | 1460 | 900 |
आचार्य प्रथम सेमेस्टर प्राचीन | 1710 | 1000 |
आचार्य प्रथम सेमेस्टर नवीन | 1710 | 1100 |
आचार्य द्वितीय सेमेस्टर प्राचीन | 1050 | 450 |
आचार्य तृतीय सेमेस्टर | 1610 | 1000 |
आचार्य चतुर्थ सेमेस्टर | 1050 | 450 |
बोले अधिकारी
छात्रों की सुविधा के लिहाज से मुद्रण, क्रीड़ा और विकास शुल्क को समाप्त किया गया है। इससे विश्वविद्यालय और देश भर के संबद्ध महाविद्यालय के छात्रों को राहत मिलेगी। – प्रो. बिहारी लाल शर्मा, कुलपति, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय
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