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निर्वाचन आयोग के तमाम प्रयासों के बावजूद झारखंड में मतदान का आंकड़ा लगातार गिर रहा है। देश के छठे और झारखंड में तीसरे चरण में शनिवार को चार सीटों रांची, जमशेदपुर, धनबाद और गिरिडीह में औसतन 63.76% मतदान हुआ। जबकि 2019 के लोकसभा चुनाव में इन चारों सीट
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शनिवार को हुए मतदान में गिरिडीह में 66.86%, जमशेदपुर में 66.92%, धनबाद में 60.40% और रांची में सबसे कम 61.93% लोगों ने वोट डाले। रांची और बोकारो में लोगों ने मतदान की छुट्टी का उपयोग घर में रहकर किया। इस चुनाव में शहरी क्षेत्र के कम मतदाता वोट डालने निकले तो ग्रामीण इलाकों में अच्छी वोटिंग हुई। शहरी क्षेत्र में विधानसभावार देखें तो धनबाद में 55.10%, झरिया में 54.54% और रांची में 54.90% वोटिंग हुई। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो ईचागढ़ में सबसे ज्यादा 76.55%, पोटका में 73.12%, जुगसलाई में 69.25% और चंदनकियारी विधानसभा क्षेत्र में 70.97% वोट पड़े।
धालभूमगढ़ के 1 बूथ पर सिर्फ 1 वोट पड़ा जमशेदपुर संसदीय क्षेत्र के धालभूमगढ़ स्थित बूथ नंबर 154 (उत्क्रमित मध्य विद्यालय, छोड़िया) पर सिर्फ एक वोट पड़ा। जबकि यहां कुल 1069 वोटर हैं। दोपहर 12 बजे तक जब यहां एक भी वोट नहीं पड़ा तो कई अधिकारी लोगों को समझाने निकले। आखिरकार वे कार्तिक सिंह को बूथ तक ला पाए। दरअसल छविसा और छोड़िया गांव के लोगों ने स्वर्णरेखा नदी पर पंपु घाट पर पुल बनाने और पंपु घाट से नरसिंहगढ़ रेलवे फाटक तक आठ किमी सड़क बनाने की मांग की थी। पर काम नहीं हुआ। इसके बाद लोगों ने वोट बहिष्कार का फैसला लिया।
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