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नई दिल्ली31 मिनट पहले
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जगुआर लैंड रोवर की फ्लैगशिप कारें रेंज रोवर और रेंज रोवर स्पोर्ट्स कंपनी की स्थापना (1970) के बाद पहली बार इंग्लैंड के बाहर किसी देश में बनने जा रही हैं
टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली जगुआर लैंड रोवर की कारें भारत में बनेंगी। जगुआर लैंड रोवर की फ्लैगशिप कारें रेंज रोवर और रेंज रोवर स्पोर्ट्स कंपनी की स्थापना (1970) के बाद पहली बार इंग्लैंड के बाहर किसी देश में बनने जा रही हैं। अब तक इनका निर्माण सिर्फ इंग्लैंड के सोलीहुल में होता था।
भारत इन कारों की कंप्लीटली नॉक्ड डाउन (सीकेडी) यूनिट्स का निर्माण करने वाला पहला देश बनेगा। इसके तहत कंपनियां अन्य जगहों से लूज पॉर्ट्स इंपोर्ट करके मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में असेंबलिंग और प्रोडक्शन करती हैं। ऐसे में कारों की कीमत में भारी गिरावट दिख सकती है।
22% तक कम हो सकती है कार की कीमत
जगुआर लैंड रोवर के सीनियर कार्यकारी अधिकारियों ने बताया, इन कारों की कीमत अभी के मुकाबले 18 से 22% की कमी आएगी। पुणे में जगुआर लैंड रोवर प्लांट में पहले से रेंज रोवर वेलार, इवोक, जगुआर एफ-पेस और डिस्कवरी स्पोर्ट बन रही हैं। कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत में कारों की खुदरा बिक्री 81% बढ़ने के बाद दो और कारें बनाने का फैसला किया है।
2008 में टाटा ने जगुआर-लैंडरोवर को खरीदा था
2008 में जब फोर्ड दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गई थी। तब टाटा ने फोर्ड का लग्जरी ब्रांड जगुआर-लैंडरोवर (जेएलआर) खरीदने का फैसला किया। ये सौदा 2.3 अरब डॉलर (उस समय 9300 करोड़ रुपए) में हुआ।
जगुआर लैंड रोवर यूनिट का रेवेन्यू ऑलटाइम हाई पर पहुंचा
टाटा मोटर्स की जगुआर लैंड रोवर (JLR) यूनिट ने वित्त वर्ष 2023-24 dh चौथी तिमाही यानी जनवरी-मार्च (Q4 FY24) में भी अपना मजबूत प्रदर्शन को जारी रखा। इस तिमाही में रेवेन्यू 11% बढ़कर 7.9 बिलियन पाउंड (करीब 83,000 करोड़ रुपए) रहा था। पूरे वित्त वर्ष 2023-24 के लिए, रेवेन्यू 29 बिलियन पाउंड (करीब 3 लाख करोड़ रुपए) के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 27% ज्यादा है।
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