अजित सिंह
*आचार्य अजय कुमार पाठक के एक पहल पर जेल अधीक्षक सहित कई समाजसेवी जनों ने बढ़ाए मदद के हाथ ग़रीब बेटियों
सोनभद्र। समाज सेवा के क्षेत्र में अनोखे ढ़ंग से लोगों की मदद करने व ग़रीब शोषित वंचित समाज की निःस्वार्थ रहनुमाई करने वाले आचार्य अजय कुमार पाठक ने ग़रीब बेटियों के हाथ पीले कराने का वीणा उठाया है। इसी क्रम में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं स्लोगन पर धन्वंतरी पतंजलि योग संस्थान के साथ उन्होंने सोनभद्र जेल अधीक्षक सौरभ श्रीवास्तव, समाजसेवी अनिल सिंह, अमित उपाध्याय के साथ मिलकर इस महादान को पूरा करने का कार्य करते हुए समाज के अन्य लोगों से भी ऐसे कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील किया है। बताते चलें कि
आचार्य अजय कुमार पाठक जिले में किसी पहचान के मोहताज नहीं है, वह एक वक्त भोजन करने के दृढ़ संकल्प के साथ नंगे पांव भी चलते हैं। गर्मी की दोपहरी हो या ठंड और बरसात का कहर अजय कुमार के लिए सभी एक बराबर होते हैं। वह कहते हैं मानव को कठोर संकल्पों के मार्ग पर चलकर खुद के साथ दूसरों के लिए भी जीना चाहिए इसी को आत्मसात करते हुए तथा उन्हीं के पहल पर धन्वंतरी पतंजलि योग संस्थान के एक सन्देश पर गरीब बिटिया की शादी के लिए जिंदादिल इंसान जेल अधीक्षक ने अपने एक माह के वेतन को दान दिया है।
बताते चलें कि जनपद सोनभद्र के चोपन ब्लाक के नक्सल गांव की एक बेटी की शादी में गरीबी व परिवार की आर्थिक स्थिति आड़े आ रही थी सो धन्वंतरी पतंजलि योग संस्थान की शानदार पहल पर सोनभद्र जेल अधीक्षक सौरभ श्रीवास्तव ने अपने वेतन से उक्त बिटिया के परिवार की हरसंभव मदद कर न केवल परिवार का हौसला बढ़ाया है बल्कि लोगों को एक संदेश भी दिया है। आपको बता दे योग गुरु आचार्य अजय कुमार पाठक ने जब बिटिया के सहयोग के लिए सोनभद्र जिले के जेल अधीक्षक को जब इस बारे में जानकारी देते हुए उनसे सहयोग का सन्देश दिया था। जिसके तुरन्त बाद जेल अधीक्षक सौरभ श्रीवास्तव, अनिल सिंह, अमित उपाध्याय, राजेश मिश्रा, लेखपाल राजेश मिश्रा इत्यादि लोगों ने सहर्ष धन्वंतरी पतंजलि योग संस्थान के माध्यम से संयुक्त रूप से मदद कर बेटी की शादी में सामर्थ्यानुसार सहयोग प्रदान किया जिसकी लोग खूब सराहना कर रहे हैं। जेल अधीक्षक सोनभद्र ने कहा है कि गरीब बेटियों की मदद करना सबसे बड़ा महादान और कन्यादान है। ऐसे पुनीत कार्य में सभी को सहयोग करना चाहिए ताकि समाज में ऊंच-नीच की खाई को पाट कर रामराज्य की परिकल्पना को साकार किया जा सके।