[ad_1]
नई दिल्ली. पूर्वी अफ्रीकी देश केन्या की आर्थिक स्थिति कैसी है इस बात से हर कोई वाकिफ है. चीन के कर्ज जाल में बुरी तरह फंस चुका यह देश श्रीलंका की तर्ज पर डिफॉल्ट होने से बाल-बाल बचा है. जून में उसे अपने चीनी कर्ज की किश्त भरनी थी, जिसके लिए भी केन्या ने बड़ी मुश्किल से पैसे जुटाए हैं. ऐसी परिस्थिति में भी राष्ट्रपति विलियम रूटो इस बात पर क्यों अड़े हैं कि केन्या की एक सैन्य टुकड़ी कैरेबिया के युद्धग्रस्त देश हैती में जाएगी. मन में यह सवाल उठना लाजमी है कि आखिर ऐसी क्या आफत आ गई जो केन्या सात समंदर पार अपनी सेना भेजने पर अमादा है. यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि विपक्ष के हंगामे और अदालत के फैसले के बाद इसी साल फरवरी में सरकार को अपनी इस जीद से पीछे हटना पड़ा था लेकिन एक बार फिर केन्या अब हैती में सेना भेजने पर अड़ा है.
दरअसल, कर्ज जाल से बचने के लिए ही केन्या इस वक्त ये सब कर रहा है. केन्या के राष्ट्रपति इस वक्त तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर अमेरिका में हैं, जहां जो बाइडेन उनका खूब स्वागत कर रहे हैं. अमेरिका के सैन्य संगठन NATO का हिस्सा केन्या नहीं है. इसके बावजूद भी अमेरिका के कहने पर हैती में केन्या अपनी फोर्स भेजने जा रहा है. बाइडेन-रूटो मुलाकात के एजेंडे में कैरेबियाई देश हैती में मल्टी-नेशनल सिक्योरिटी इंटरवेंशन (MSI) भेजना भी है. इसमें अमेरिका के समर्थन से एक मिशन का नेतृत्व केन्या कर रहा है. अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र समर्थित इस पहल में योगदान देने से पहले ही इनकार कर दिया था. फिर भी वाशिंगटन केन्या को आगे कर इस मिशन का सबसे बड़ा फंडर बन हुआ है. सेना भेजते ही केन्या ईस्ट अफ्रीका का पहला देश बन जाएगा, जिसने अपने सुरक्षा बलों को महाद्वीप से बाहर भेजा हो.
यह भी पढ़ें:- US तो पलकें बिछाकर कर रहा स्वागत, पर अपने देश में लग रहे विरोध में नारे, ऐसा क्या कर डाला इस राष्ट्रपति ने?
सेना भेजकर केन्या को बदले में क्या मिलेगा?
अमेरिका के अनुरोध पर हैती में सेना भेजकर बदले में केन्या अपना एक बड़ा हित साधने में जुटा है. केन्या को इस वक्त देश में निवेश की दरकार है ताकि वो कंगाल अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर ला सके. अमेरिका दौरे पर बाइडेन ने उन्हें निवेश की सौगात दी है. अमेरिकी कंपनियों के सीईओ के साथ रूटो की कई स्तर पर बैठकें होनी हैं. इस दौरान वो केन्या में निवेश के लिए इन कंपनियों को आमंत्रित करेंगे. रुतो ने बुधवार को अटलांटा डेल्टा एयर लाइन्स जैसी कंपनी से समझौता किया. यह कंपनी केन्या एयरवेज में एक बड़ी हिस्सेदारी खरीदने पर भी विचार कर रही है. रूटो ने जबसे केन्या की सत्ता संभाली है, उन्होंने लोगों पर टैक्स का बड़ा बम फोड़ा है. साथ ही पेट्रोल-डीजल जैसी बुनियादी जरूरत की चीजों के दाम भी उन्होंने बेतहाशा बढ़ाए हैं, ताकि देश को डूबने से बचाया जा सके. इस डील के बाद रूटो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में लिखा- केन्या का मतलब बिजनेस है.
हैती में क्यों भेजे जा रहे सुरक्षा बल?
इसी साल फरवरी में कैरेबियाई देश हैती में अपराधी अचानक हिंसक हो गए थे. उन्होंने प्रधानमंत्री एरियल हेनरी की सरकार के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर दी थी. जनवरी से मार्च तक इस हिंसा के चलते देश भर में 2,500 से अधिक लोग मारे गए जबकि कम से कम 95,000 लोग राजधानी पोर्ट-औ-प्रिंस से भाग गए हैं. पीएम हेनरी ने पिछले साल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से एक मिशन तैनात करने का अनुरोध किया था. इसी कड़ी में आपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिए अलग-अलग देशों से सुरक्षा बलों की तैनाती की जा रही है.
Tags: International news, World news
FIRST PUBLISHED : May 23, 2024, 23:43 IST
[ad_2]
Source link