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मध्य प्रदेश कांग्रेस ने प्रदेश में हुए नर्सिंग घोटाले की जांच में भी हुए घोटाले को लेकर गुरुवार को केंद्रीय जांच एजेंसी CBI पर जमकर हमला बोला। पार्टी ने आरोप लगाया कि घोटाले की जांच को दबाने के लिए केंद्रीय एजेंसी के दो अधिकारी 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़े गए, जिसके बाद उसका असली चेहरा उजागर हो गया है। प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल ने कहा कि वह इस मुद्दे को प्रदेश की विधानसभा में उठाएगी।
कांग्रेस की प्रदेश इकाई की मीडिया शाखा के प्रमुख मुकेश नायक और विधानसभा में विपक्ष के उपनेता हेमंत कटारे ने भोपाल में संवाददाताओं से कहा, ‘हम भारतीय जनता पार्टी की सरकार के खिलाफ मध्य प्रदेश में नर्सिंग घोटाले को राज्य विधानसभा में (आगामी मानसून सत्र में) जोर-शोर से उठाएंगे।’
नायक ने आरोप लगाया, ‘सीबीआई (अधिकारियों) ने पैसे लिए। उन्होंने निजी (नर्सिंग) कॉलेजों के लोगों से कहा कि वे अपने संस्थान और कॉलेज कुछ खास लोगों को सौंप दें।’ उन्होंने बताया, ‘वे (सीबीआई अधिकारी) 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए हैं। अब आप सीबीआई के बारे में और क्या पूछना चाहते हैं। हमें सीबीआई पर भरोसा नहीं है। जांच के दौरान इसका असली चेहरा पूरे देश के सामने उजागर हो गया है।’
बता दें कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने नर्सिंग कॉलेजों के कामकाज में अनियमितताओं के आरोपों के बाद पिछले साल सीबीआई को जांच का आदेश दिया था। वहीं इस सप्ताह की शुरुआत में, सीबीआई ने कहा कि उसने मध्य प्रदेश में कथित नर्सिंग घोटाले के सिलसिले में अपने दो इंस्पेक्टरों सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पत्रकार वार्ता को संयुक्त रूप से संबोधित करने वाले भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ के मध्य प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने कहा कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर पीठ ने पिछले साल अप्रैल में राज्य में नर्सिंग कॉलेजों के कामकाज की जांच करने के लिए सीबीआई को निर्देश दिया था, जिसके बाद केंद्रीय एजेंसी ने ऐसे 308 संस्थानों का निरीक्षण किया।
उन्होंने कहा कि एजेंसी ने इस साल जनवरी में उच्च न्यायालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी, जिसमें कहा गया कि उसने 169 कॉलेजों को चलाने के लिए उपयुक्त पाया। सीबीआई ने 73 कॉलेजों में बुनियादी ढांचे की कमी और 66 को अनुपयुक्त पाया। परमार ने कहा, अभी शेष 300 से अधिक कॉलेजों का सीबीआई निरीक्षण कर रही है।
उन्होंने कहा कि जारी निरीक्षण के दौरान ही सीबीआई अधिकारियों ने कॉलेजों को क्लीनचिट देने के लिए उनसे रिश्वत की मांग की और उन्हें रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। उन्होंने बताया कि नर्सिंग कॉलेज के लिए 100 बिस्तरों वाला अस्पताल और कम से कम 23,000 वर्ग फुट निर्मित क्षेत्र होना अनिवार्य है। इनमें से अधिकांश कॉलेजों में ये सुविधाएं नहीं हैं।
केंद्रीय एजेंसी ने कहा कि अपने दो अधिकारियों सहित 13 लोगों की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने भोपाल, इंदौर, रतलाम और जयपुर में 31 स्थानों पर तलाशी ली और 2.33 करोड़ रुपए से अधिक नकदी, चार सोने की छड़ें, 36 डिजिटल उपकरण और 150 से अधिक आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई निरीक्षक अनुपयुक्त नर्सिंग कॉलेजों को क्लीन चिट देने के लिए कथित तौर पर रिश्वत ले रहे थे।
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