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सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
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ऊपर का दूध पीने वाले बच्चों की बोतलें ढंग से साफ नहीं की जा रही हैं। उल्टी-दस्त के 70 फीसदी रोगी बच्चों के मर्ज का यही कारण है। गर्मी में बोतलों में जल्दी संक्रमण हो जाता है। इससे दूध पीने पर उल्टी दस्त और डायरिया हो जा रहा है। पांच से कम उम्र के बच्चे ऐसे हैं जिन्हें डायरिया के बाद मिर्गी जैसे झटके आने लगते हैं। रोगियों का इलाज हैलट के बालरोग अस्पताल समेत अन्य विशेषज्ञों के यहां चल रहा है।
विशेषज्ञों ने बताया कि गर्मी में वायरल और बैक्टीरियल दोनों तरह के संक्रमण बढ़ गए हैं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बालरोग विभाग के विशेषज्ञ और भारतीय बालरोग अकादमी के सचिव डॉ. अमितेश यादव का कहना है कि उल्टी-दस्त और डायरिया दो-ढाई साल के उम्र के उन बच्चों में अधिक है जो बोतल से दूध पी रहे हैं। 70 फीसदी रोगी यही हैं। ओपीडी स्तर पर रोगियों का उपचार किया जा रहा है। शरीर में पानी की कमी डिहाइड्रेशन होने पर भर्ती कर लिया जाता है।
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