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मध्य प्रदेश में इन दिनों सूरज के तेवर काफी तीखे दिखाई दे रहे है। उज्जैन में पारा 44 डिग्री पर पहुंच गया तो तो लोग गर्मी से बेहाल हो गए। गर्मी से बचने के लिए लोग जतन कर रहे है तो वही अब भगवान को भी गर्मी से राहत देने के लिए एसी पंखे कूलर के साथ चन्दन
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देश भर के मैदानी इलाकों में गर्मी अपना असर दिखा रही है। भीषण गर्मी के चलते दिन में घर से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है ,शाम को भी गर्मी चुभ रही है। आम लोग गर्मी से बचने के लिए तरह तरह के जतन कर रहे है। तो वहीं इस्कॉन मंदिर में भीषण गर्मी के प्रकोप से भगवान श्री कृष्ण, बलराम सुदामा राधा सहित अन्य देवी-देवता को बचाने के लिए और उन्हें शीतलता प्रदान करने के लिए खास इंतजाम किए गए है। इस्कॉन मंदिर में भगवान के गर्भगृह को ठंडा रखने के लिए तीन एसी का सहारा लिया जा रहा है। भगवान को लगातार ठंडक देने के लिए 21 दिन तक चन्दन का लेप भी लगाया जायेगा।
धार्मिक नगरी उज्जैन के इस्कॉन मंदिर में श्री कृष्ण, राधा , बलराम ,जग्गनाथ जी सहित अलग अलग विग्रह को भीषण गर्मी के प्रकोप से बचाने के लिए और शीतलता प्रदान करने के लिए ख़ास इंतजाम किए गए है ,इस्कॉन मंदिर के पंडित राघव दास ने कहा की जिस तरह आम इंसान को गर्मी और ठंड का अहसास होता है, उसी तरह भगवान का भी इन महीनो ख़ासा ध्यान रखा जाता है। ठंड के मौसम में भगवान को ऊनी वस्त्र पहनाए जाते है तो गर्मी अधिक होने से एसी से ठण्डक दी जा रही है।
अक्षय तृतीया से 21 दिन तक लगातार ठंडा रखने का जतन-
परम्परा है माधवेन्द्र पूरी को भगवान गोपाल जी ने दर्शन दिया था वृंदावन में और कहा था की बहुत गर्मी हो रही है जाओ चन्दन लेकर आओ शरीर पर लगाओ। उसी को लेने के लिए निकले जब वापस आये तो उस दिन अक्षय तृतीया थी। उस समय वे उड़ीसा में थे उन्होंने कहा की आप गोपी नाथ जी को चन्दन लगा दीजिये में उनसे ही शीतलता ग्रहण कर लूंगा। इसलिए वैष्णव मंदिरो में चन्दन यात्रा होती है इसलिए भगवान के विग्रहो को चन्दन से लेपित किया जाता है ताकि शीतलता प्रदान हो आगामी 21 दिन तक इस्कॉन मंदिर में इसी तरह चन्दन लगाया जाएगा।
20 किलो चन्दन से ठंडक देंगे
इस्कॉन के पंडित राघव दास ने कहा भगवान कृष्ण राधा को ठंडक देने के लिए एसी के साथ चंदन का लेप भी लगाया जा रहा है। गर्मी का प्रकोप बढ़ेगा इसके लिए भगवान को शीतलता व ठंडक प्रदान करने के लिए रोजाना चार लोग चंदन का लेप को तैयार कर रहे है। करीब 20 किलो चन्दन को एकत्रित कर भगवान को लगाया जाएगा।
श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली में दही छांछ श्रीखंड का भोग –
सांदीपनि आश्रम के पुजारी रूपम व्यास ने बताया कि हर बार की तरह भगवान को शीलतता प्रदान करने के लिए भोग में भगवान श्री कृष्ण बलराम सुदामा और गुरु सांदीपनि को दही छांछ श्रीखंड तरबूज आम सहित पेय पदार्थो का भोग लगाया जा रहा है। साथ ही भगवान को रोजाना चन्दन का लेप लगाकर शीतलता प्रदान की जा रही है।
भगवान महाकाल को शीतलता देने के लिए 11 मटकियां बाँधी गई –
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल को शीतलता प्रदान करने के लिए भक्त इस तरह का जतन गर्मी में करते हैं। इसी प्रकार तेज ठंड के दिनों में भी भगवान को गर्म जल से स्नान कराए जाने की परंपरा निभाई जाती है। उसी तरह भीषण गर्मी से राहत के लिए भी तैयारी की जाती है। मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि वैशाख कृष्ण प्रतिपदा 24 अप्रैल से श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग पर मिट्टी के 11 कलश बांधे गए है जिनसे रोजाना जल प्रवाह कर भगवान महाकाल को शीतलता प्रदान की जा रही है। वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से यह मटकियां लगाई जाती है, जो ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा तक करीब दो माह बंधी रहेगी। मान्यता है कि भगवान महाकाल इससे तृप्त होकर राष्ट्र व प्रजा के कल्याण के लिए सुख-समृद्धि प्रदान करते है।
तीन दिन से लगातार 44 डिग्री पर पारा-
उज्जैन में इस बार गर्मी के मौसम में नवतपा शुरू होने के पहले ही सूरज ने रौद्र रूप दिखा दिया है। रविवार सोमवार और मंगलवार तीन लगातार पारा 44 डिग्री सेल्सियस पर रहा। अधिक तापमान ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया। दोपहर के समय सड़को पर भी भीड़ दिखाई नही दे रही थी। दस दिनों के दौरान तापमान 42 डिग्री से 44 डिग्री पर पहुंचा है। प्रशासन ने लू से बचाव रखने के लिए एडवायजरी भी जारी की है।
भीषण गर्मी के कारण लोग जरूरी कामों को छोड़कर घरों से बाहर नही आ रहे और बाहर निकलने वाले गर्मी और धूप से बचने के जतन कर रहे है। इस बार मई महिने में ही लगातार गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है। दोपहर के समय गर्म हवा के थपेड़े और तेज धूप के कारण लोग बीमारी का शिकार भी होने लगे है। वहीं रात के तापमान में भी बढ़ोत्री होने से उमस बनी रहती है। प्रशासन ने जिले में अत्यधिक गर्मी को दृष्टिगत रखते हुए लू-तापघात से बचाव के लिए एडवायजरी जारी की गई है।
तापमान की स्थिति
14 मई-अधिकतम- 39.8 न्यूनतम- 26.5
15 मई-अधिकतम- 40.0 न्यूनतम- 26.4
16 मई-अधिकतम- 41.4 न्यूनतम- 24.6
17 मई-अधिकतम- 42.5 न्यूनतम- 28.4
18 मई-अधिकतम- 42.6 न्यूनतम- 25.5
19 मई-अधिकतम- 44.0 न्यूनतम- 28.5
20 मई-अधिकतम- 44.0 न्यूनतम- 28.2
21 मई-अधिकतम- 44.2 न्यूनतम- 28
गर्मी में लू से रहे सावधान, ये सावधानियां रखे
उज्जैन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.अशोक कुमार पटेल ने बताया कि वर्तमान में ग्रीष्म ऋतु के मौसम के दौरान बढ़ती धूप की तपन (लू) से सावधानी एवं शरीर को मौसमी बीमारी से बचाव हेतु आमजन को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है-
क्या करें-
घर से बाहर निकलने से पहले भरपेट पानी अवश्य पियें। धूप में जाते समय सूती कपड़े पहने और सिर और कान को सूती कपड़े से ढंक कर रखें। धूप में घूमने वाले व्यक्ति नमक, शक्कर युक्त कोई तरल पदार्थ या ओ.आर.एस. घोल का अधिक सेवन करें। नींबू पानी, आम की केरी का पना, शिकंजी या मट्ठा अधिक से अधिक पियें। भरपेट भोजन करके ही बाहर निकलें। हमेशा ताजा भोजन, फल और सब्जियों खायें। यथा संभव धूप में अधिक न निकले।
क्या न करें-
धूप में खाली पेट न निकलें। शरीर में पानी की कमी न होने दें। बुखार में शरीर का तापमान न बढ़ने दें, ठंडे पानी की पट्टी रखें। कूलर या कंडीशनर से धूप में एकदम न निकलें। मिर्च-मसाले युक्त भोजन न करें। बासी भोजन, बासी फल, बासी सलाद न खायें।
लू लगने पर-
व्यक्ति को फौरन छायादार जगह में लिटायें। व्यक्ति के कपडे ढील करें। उसे पेय पदार्थ, जीवन रक्षक घोल (ओ.आर.एस.), कच्चे आम का पानी पिलायें। ताप घटाने के लिये, व्यक्ति के सिर पर ठंडे पानी की पट्टी रखें।
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