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Science News: जर्मनी में चूना पत्थर के भंडार में खुदाई में 1500 करोड़ साल पुराना दुर्लभ जीव मिला है. यह प्राणी जो खुद का क्लोन (शरीर के भाग तोड़ कर) बनाने की क्षमता रखता था, जिससे वह अपने समरूप संतान पैदा कर लेता था. खोज के बाद वैज्ञानिकों ने बताया कि स्टारफिश के जैसा यह जीव भी छह भुजाएं वाला था. इसमें अपने शरीर को दोबारा जिंदा करने की क्षमता थी. साइंस अलर्ट ने बाताया कि रिसर्चरों की देख रेख में यह खुदाई 2018 की गई थी. यह खदान कभी मूंगा घास के मैदानों और स्पंज बेड से भरा एक गहरा लैगून हुआ करता था.
शोधकर्ताओं को इस प्रकार की पहली प्रजाती मिली है. उन्होंने कहा कि यह टूटने वाले स्टारफिश के प्रकार के प्रजाति यह एकमात्र ज्ञात नमूना है, जिसे उन्होंने ओफियाक्टिस हेक्स ( Ophiactis Hex) नाम दिया है. क्लोनिंग करने वाला जीव अपने शरीर के कुछ हिस्सों को तोड़कर और उन्हें फिर से उनको विकसित करता था. इस प्रक्रिया से वह आनुवंशिक रूप से समान संतान पैदा कर लेता था. इस प्रक्रिया को विखंडन भी कहा जाता है.
यूरोपीय देश लक्जमबर्ग के म्यूजियम के जीवाश्म विज्ञानी डॉ. बेन थ्यू इसके बारे में बताते हैं, ‘क्लोनल विखंडन के बारे में जीव विज्ञान और पारिस्थितिक विज्ञान में तो अच्छी जानकारी है, लेकिन इस जीव के विकास और भूवैज्ञानिक इतिहास के बारे में हमें कुछ भी मालूम नहीं है.’ यह खोज अपने आप में और महत्वपूर्ण है क्योंकि वैज्ञानिकों के पास इसके पहली बार की विखंडन के विकास के सटीक समय के बारे में जानकारी नहीं है.
1500 करोड़ साल पुराने (155 Million Year) इस जीवाश्म को ऐसे संरक्षित किया गया है कि उसके सभी हुक-आकार की बांह और उनके अंदर की रीढ़ दिखाई दे. इसका नाम टेरी प्रसेट के डिस्कवर्ल्ड उपन्यासों में से एक में जादुई सुपर कंप्यूटर के नाम पर रखा गया है, एक ऐसी मशीन है जो अकल्पनीय चीजों के बारे में भी सोचने में सक्षम है.
डॉ. थ्यू और उनकी टीम ने अध्ययन में कहा, रिप्रोडक्शन की प्रक्रिया में दो भागों में अलग होना और शरीर के मिसिंग पार्ट को दोबारा विकसित करने की प्रक्रिया की जानकारी तो है, लेकिन, रिप्रोडक्शन के दौरान शरीर के आधे भाग को फ्रीज करने की प्रक्रिया बेहद दुर्लभ है. यह नमूना इस बात का पुख्ता सबूत देता है कि तारे के आकार के इचिनोडर्म्स में क्लोनल विखंडन की गहरी विकासवादी जड़ें हैं और यह जुरासिक के बाद से एक मेजबान पर जीवन और छह गुना समरूपता से जुड़ा हुआ है.
Tags: Science, Science news
FIRST PUBLISHED : May 20, 2024, 21:07 IST
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