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नई दिल्ली16 मिनट पहले
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2024 लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में आज 6 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीटों पर वोटिंग होगी।
2019 में इन सीटों पर सबसे ज्यादा भाजपा ने 32, शिवसेना ने 7, TMC ने 4 सीटें जीती थीं। कांग्रेस केवल यूपी की रायबरेली सीट जीत पाई थी। अन्य को 5 सीटें मिली थीं।
इस फेज में राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी और पीयूष गोयल समेत 9 केंद्रीय मंत्री मैदान में हैं। रायबरेली से वायनाड सांसद राहुल गांधी भी चुनाव लड़ रहे हैं।
चुनाव आयोग के मुताबिक, इलेक्शन के पांचवें फेज में 695 कैंडिडेट्स मैदान में हैं। इनमें 613 पुरुष और 82 महिला उम्मीदवार हैं। इनमें महिलाएं केवल 12% हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) के मुताबिक, इस फेज के 615 उम्मीदवारों में से 23% यानी 159 उम्मीदवार पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 227 यानी 33% उम्मीदवार करोड़पति हैं। इनके पास एक करोड़ या उससे ज्यादा की संपत्ति है। केवल एक उम्मीदवार ने अपनी संपत्ति शून्य बताई है।
इस फेज में सबसे अमीर प्रत्याशी उत्तर प्रदेश की झांसी सीट से भाजपा उम्मीदवार अनुराग शर्मा हैं। उनके पास 212 करोड़ रुपए की संपत्ति है।
543 लोकसभा सीटों में चौथे फेज तक 380 सीटों पर मतदान हो गया है। 20 मई तक कुल 429 सीटों पर मतदान पूरा हो जाएगा। बाकी 2 चरणों में 114 सीटों पर वोटिंग होगी।
159 कैंडिडेट्स पर हत्या, किडनैपिंग जैसे गंभीर मामले दर्ज
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, 159 कैंडिडेट ऐसे हैं, जिन पर हत्या, किडनैपिंग जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। इनमें से 3 उम्मीदवारों को किसी न किसी मामले में दोषी ठहराया गया है। 4 उम्मीदवारों पर हत्या और 28 पर हत्या की कोशिश के मामले हैं। 29 उम्मीदवारों पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं। एक उम्मीदवार के खिलाफ दुष्कर्म (IPC-376) से जुड़ा मामला दर्ज है। वहीं, 10 कैंडिडेट्स पर हेट स्पीच से जुड़े मामले दर्ज हैं।
33 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति
ADR ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि इलेक्शन के पांचवें चरण में 695 उम्मीदवारों में से 227 यानी 33 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। इनके पास एक करोड़ या उससे ज्यादा की संपत्ति है। कैंडिडेट्स के पास औसत संपत्ति 3.56 करोड़ रुपए है। सबसे ज्यादा भाजपा के 36 उम्मीदवार करोड़पति हैं।
सबसे अमीर प्रत्याशी यूपी की झांसी से भाजपा उम्मीदवार अनुराग शर्मा हैं। उनके पास 212 करोड़ रुपए की संपत्ति है। महाराष्ट्र की भिवंडी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार नीलेश भगवान सांबारे के पास 116 करोड़ रुपए, जबकि मुंबई उत्तर सीट से भाजपा उम्मीदवार पीयूष गोयल के पास 110 करोड़ रुपए की संपत्ति है।
पांचवें चरण में 9 केंद्रीय मंत्रियों और एक पूर्व मुख्यमंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर…
पांचवें चरण की 10 हॉट सीटों पर एक नजर…
1. रायबरेली, यूपी
सोनिया के राज्यसभा जाने के बाद कांग्रेस ने रायबरेली से राहुल गांधी को टिकट दिया है। सोनिया इस सीट से लगातार पांच बार सांसद रह चुकी हैं। वहीं, आजादी के बाद कांग्रेस को मात्र तीन बार इस सीट से हार मिली है। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह ने सोनिया को कड़ी टक्कर दी थी, लेकिन उनसे 1.5 लाख वोटो से पीछे रह गए थे। भाजपा ने उन पर फिर भरोसा जताया है।
रायबरेली और नेहरू-गांधी परिवार का नाता पुराना है। इस सीट से चुनाव-उपचुनाव मिलाकर कुल 16 बार कांग्रेस के उम्मीदवारों को जीत मिली है जबकि तीन बार गैर कांग्रेसी उम्मीदवार विजयी रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी इस सीट से जीतकर संसद जा चुके हैं।
2. अमेठी, यूपी
2019 चुनाव में लगातार तीन बार के सांसद राहुल गांधी चौथी बार अमेठी सीट से मैदान में थे। राहुल के सामने भाजपा ने 2014 चुनाव में दूसरे नंबर पर रहीं स्मृति ईरानी को उम्मीदवार बनाया था। स्मृति ईरानी को तब 4 लाख 68 हजार 514 वोट मिले थे। राहुल के खाते में 4 लाख 13 हजार 394 वोट ही आए थे। इस बार भी भाजपा ने स्मृति को ही टिकट दिया है।
राहुल के रायबरेली जाने के बाद कांग्रेस ने किशोरी लाल शर्मा को टिकट दिया है। किशोरी यहां लंबे समय से एक्टिव हैं।
साल 1967 में अमेठी सीट बनी थी। 1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी ने चुनाव लड़ा। इमरजेंसी के खिलाफ चल रही लहर की वजह से संजय हार गए। उन्हें जनता पार्टी के रवींद्र प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने हरा दिया था।
साल 1980 में संजय फिर मैदान में उतरे और रवींद्र को हराकर संसद पहुंचे। संजय गांधी की मौत के बाद हुए उपचुनाव में राजीव गांधी इस सीट पर चुनाव लड़े। 1984 में इस सीट पर राजीव और मेनका गांधी परिवार के दो सदस्य आमने-सामने थे। तब राजीव भारी वोटों से जीते थे।
1989 लोकसभा चुनाव में भी राजीव गांधी इसी सीट से संसद पहुंचे। उनकी हत्या के बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी कैप्टन सतीश शर्मा जीते और 1996 के चुनाव में भी सीट बरकरार रखी। साल 1998 में पहली बार भाजपा उम्मीदवार डॉ. संजय सिंह ने जीत हासिल की। 1999 में सोनिया गांधी इस सीट से जीतकर पहली बार संसद पहुंचीं। इसके बाद 2004 से 2019 तक राहुल यहां से जीते।
3. लखनऊ, यूपी
लखनऊ लोकसभा सीट से तीन बार के सांसद और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह एक बार फिर मैदान में हैं। वहीं, सपा ने रविदास मेहरोत्रा को मैदान में उतारा है। अटल बिहारी के दौर से लखनऊ बीजेपी का गढ़ माना जाता है। जमीनी स्तर पर रविदास अनुभवी हैं। वे 1989 में सबसे पहले जनता दल के टिकट पर विधायक का चुनाव जीते थे। मौजूदा दौर में भी वे लखनऊ सेंट्रल से विधायक हैं।
4. कैसरगंज, यूपी
महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न के आरोप में फंसे बृजभूषण शरण सिंह की जगह कैसरगंज सीट से इस बार भाजपा ने उनके बेटे करण भूषण को टिकट दिया है। सपा ने इस सीट से भगत राम मिश्रा को मैदान में उतारा है।
2019 में बृजभूषण सिंह ने बसपा के चंद्रदेव यादव को 2.5 लाख से अधिक वोटों से हराया था। वहीं, 2014 में उन्होंने सपा के विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह को 50 हजार वोटों से हराया था। साल 2009 के चुनाव में बृजभूषण ने सपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी।
5. सारण, बिहार
लोकनायक जय प्रकाश नारायण का गृह जिला सारण पहले राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो की सीट मानी जाती रही है। लेकिन पिछले दो चुनावों में राजीव प्रताप रूडी ने इस समीकरण को अपने पक्ष में मोड़ दिया। उन्होंने साल 2014 में लालू की पत्नी राबड़ी देवी और 2019 में उनके समधी चंद्रिका राय को हराया। रूडी के खिलाफ इस बार लालू की बेटी रोहिणी आचार्य चुनाव मैदान में हैं।
6. हाजीपुर, बिहार
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की सीट हाजीपुर से उनके भाई पशुपति पारस की जगह इस बार चिराग पासवान मैदान में हैं। चिराग 2014 और 2019 में जमुई से लोकसभा जा चुके हैं, लेकिन इन दोनों चुनावों में उनकी जीत की वजह मोदी लहर और पिता की लोकप्रियता रही थी। ऐसे में यह चुनाव उनके लिए खुद को साबित करने की लड़ाई मानी जा रही है।
7. मुंबई उत्तर, महाराष्ट्र
पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को बीजेपी ने मुंबई उत्तर लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है। इस सीट से बीजेपी ने मौजूदा सांसद गोपाल शेट्टी का टिकट काटा है। वहीं, कांग्रेस ने पूर्व एक्टर भूषण पाटिल को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। वे कांग्रेस की मुंबई इकाई के अध्यक्ष हैं और 25 साल से ज्यादा समय से राजनीति में सक्रिय हैं।
8. कल्याण, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और पेशे से डॉक्टर श्रीकांत शिंदे कल्याण लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं। उनके सामने महाविकास अघाड़ी की शिवसेना (UBT) उम्मीदवार वैशाली दारेकर मैदान में हैं। वैशाली को ठाकरे परिवार का करीबी माना जाता है। इससे पहले वे 2009 में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के टिकट से इसी सीट पर चुनाव लड़ चुकी हैं। यहां शिंदे गुट और उद्धव गुट में सीधी टक्कर है।
9. मुंबई नॉर्थ सेंट्रल, महाराष्ट्र
भाजपा ने मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से प्रमोद महाजन की बेटी और मौजूदा सांसद पूनम महाजन का टिकट काटा है। उनकी जगह 26/11 के दोषी कसाब को फांसी दिलाने वाला केस लड़ चुके सरकारी वकील उज्ज्वल निकम को टिकट दिया गया है। वहीं, कांग्रेस ने वर्षा गायकवाड़ को टिकट दिया है। वर्षा मुंबई कांग्रेस की अध्यक्ष हैं।
10. बारामुला, जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। बारामूला सीट पर 25 हजार विस्थापित कश्मीरी पंडित भी वोट डाल सकेंगे।
नेशनल कॉन्फ्रेंस की तरफ से पूर्व मुख्मंत्री उमर अब्दुल्ला चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद लोन मैदान में हैं। सज्जाद बीजेपी-पीडीपी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। साथ-साथ लंबे समय से अलगाववादी संगठनों से जुड़े रहे हैं।
2014 में जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार मुजफ्फर हुसैन बेग ने जीत हासिल की थी। वहीं, साल 2019 में JKN प्रत्याशी मोहम्मद अकबर लोन को जीत हासिल हुई थी।
ओडिशा में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी
ओडिशा में सोमवार (20 मई) को 35 विधानसभा सीटों पर चुनाव होंगे। 147 विधानसभा सीटों पर चार चरणों में चुनाव हो रहे हैं। 13 मई को 28 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है।
20 मई को 63 सीटों पर वोटिंग हो जाएगी। इसके बाद आने वाले चरणों में बाकी 84 सीटों पर वोटिंग होगी। इनकी लोकसभा चुनावों की काउंटिंग के साथ 4 जून को होगी।
ओडिशा में बीजू जनता दल (BJD), भाजपा, कांग्रेस और सीपीआई (एम) प्रमुख पार्टियां हैं। राज्य में अभी CM नवीन पटनायक के नेतृत्व में BJD की सरकार है। वो 5 मार्च 2000 से लगातार CM हैं।
पटनायक CM पद पर रहने वाले देश के दूसरे सबसे बड़े नेता हैं। वे 24 साल से लगातार पद पर हैं। उनसे आगे सिक्किम के पूर्व CM पवन चामलिंग हैं, जो 24 साल 166 दिन तक CM पद पर रहे।
ओडिशा में 2019 के विधानसभा चुनाव में BJD ने 147 में से 113 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा को 23, कांग्रेस को 9, सीपीआई (एम) और निर्दलीय को 1-1 सीटें मिली थीं।
लोकसभा चुनाव 7 फेज में हो रहे, नतीजे 4 जून को आएंगे
देश की 543 सीटों के लिए चुनाव सात फेज में होगा। पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को और आखिरी फेज की वोटिंग 1 जून को होगी। 4 जून को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग ने लोकसभा के साथ 4 राज्यों- आंध्र प्रदेश, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के विधानसभा चुनाव की तारीखें भी जारी की हैं। ओडिशा में 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को वोटिंग होगी। पूरी खबर पढ़ें …
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