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ऑनलाइन गेमिंग की बच्चों में बढ़ती लत के दुष्परिणाम अब सामने आने लगे हैं। राज्य सायबर सेल के पास अब तक ऐसी 10 से ज्यादा शिकायतें पहुंची हैं, जिनमें बच्चों ने अगले लेवल में जाने के लिए ही माता-पिता के खाते से ट्रांजेक्शन कर दिए। कुछ मामलों में तो ट्रांज
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पुलिस ने बताया कि ऑनलाइन गेम खेलने के दौरान बच्चे इस तरह के लोगों के संपर्क में आते हैं, जिन्हें बच्चे अपना ऑनलाइन मेंटर मानने लगते हैं। ये ऑनलाइन मेंटर बच्चों को अगले लेवल में जाने के तरीके बताने, गेम के लिए वर्चुअल हथियार, कॉस्ट्यूम या अवतार खरीदने के लिए उकसाते हैं। इसके लिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करना जरूरी होता है। अगले लेवल में जाने की धुन में बच्चे अपने माता-पिता के ऑनलाइन बैंकिंग या डेबिट-क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर लेते हैं।
बगैर सिमकार्ड के फोन से करवाएं ऑनलाइन क्लास
- बच्चों को हो सके तो मोबाइल फोन न दें, ऑनलाइन क्लास के लिए देना जरूरी हो तो बगैर सिमकार्ड का दें और वाईफाई से इंटरनेट इस्तेमाल करवाएं।
- बाजार में ऐसे टेबलेट भी उपलब्ध हैं, जिसमें सिमकार्ड लगाने की जरूरत नहीं पड़ती।
- बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखें और प्ले स्टोर पर पेरेंटल कंट्रोल ऑन रखें।
- वह फोन खासकर बच्चों को न दें, जिसमें आपके बैंक खाते से जुड़ा नंबर इस्तेमाल हो रहा हो।
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