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पिता धर्मेंद्र गिरी एवं बेटी सिद्धिका की हादसे में मौत हो गई।
दो दिन पूर्व धार जिले के बदनावर में महू-नीमच फोरलेन पर मनासा गांव के पास रतलाम जिले की कार खड़े ट्रक में जा घुसी थी। रविवार को इंदौर में उपचार के दौरान हादसे में घायल घायल पिता व 10 साल की बेटी की भी मौत हो गई है। अस्पताल ने पिता का शव बिना पीएम के दे
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रतलाम के सेजावता निवासी धर्मेंद्र गिरी (35) पिता गोपाल गोस्वामी, पत्नी ज्योति, बेटी सिद्धिका (10), भूमिका (5), डेढ़ साल के बेटा शिवाय और भांजी मीनाक्षी पिता बलराम के साथ शुक्रवार देर रात औंकारेश्वर दर्शन करने व इंदौर में अपने ससुराल जाने के लिए कार से निकले थे। किराए से कार सेजावता गांव के ही राहुल (28) पिता राजेंद्रसिंह सोनगरा की ली थी। शनिवार दोपहर इंदौर से वापस कार से निकले।
शनिवार शाम को धार जिले के बदनावर के आगे फोरलेन पर मनासा गांव के यहां कार खड़े ट्रक में घुस गई। हादसे में ड्राइवर जितेंद्र उर्फ सचिन (25) पिता राजेंद्रसिंह सोनगरा की मौके पर ही मौत हो गई। 6 गंभीर घायलों को इंदौर रेफर किया। रविवार को धर्मेंद्र गिरी गोस्वामी और उनकी बेटी सिद्धिका की भी मौत हो गई। पत्नी ज्योति की भी हालत गंभीर है।
मामा के यहां किया अंतिम संस्कार
बेटी सिद्धिका का अंतिम संस्कार रविवार को उसके मामा के यहां इंदौर में किया गया। इंदौर के अस्पताल से धर्मेंद्र गिरी का शव बिना पीएम के ही परिजन को सौंप दिया। शव एम्बुलेंस से सेजावता लेकर आ रहे थे तभी रास्ते में कानवन पुलिस ने एम्बुलेंस को रोका। बिना पीएम शव नहीं ले जाने देने की बात कही। शव बदनावर अस्पताल की मर्च्युरी में रखवाया। सोमवार सुबह पीएम कर शव सौंपा जाएगा। मृतक के बड़े पापा के बेटे चेतन ने बताया कि पीएम का अस्पताल प्रबंधन को ध्यान रखना था। अब सोमवार को पोस्टमार्टम करवाकर सेजावता लाएंगे।
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