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झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम ((Jharkhand Minister Alamgir Alam) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रवर्तन निदेशालाय (ED)ने कोर्ट को अहम जानकारी दी है। ईडी ने अदालत को बताया है कि रेड में जो भी कैश मिला है वो सब आलमगीर आलम का है। ईडी ने अदालत को बताया है कि जो कैश मंत्री के पीएस संजीव लाल के नौकर के घर मिले हैं वो सब आलमगीर आलम के ही हैं। मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी ने आलमगीर आलम को 10 दिनों की रिमांड पर भेजे जाने की गुहार अदालत से लगाई थी। इसपर अदालत ने चंपई सोरेन सरकार के आलमगीर आलम को छह दिनों की रिमांड पर भेजे जाने का आदेश सुनाया है।
यहां आपको बता दें कि ईडी ने 6 मई को झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव कुमार लाल के घरेलू सहायक के घर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। पीएस के नौकर के घर मिले नोटों के पहाड़ को देख कर हर कोई चकित रह गया था। उस वक्त इस कैश को गिनने के लिए नोट गिनने वाली मशीन का इस्तेमाल भी किया गया था। बाद में यह जानकारी सामने आई थी कि मंत्री के पीएस के नौकर के घर से 30 करोड़ रुपये से ज्यादा बरामद हुए हैं।
इसके बाद ईडी ने पहले मंत्री के निजी सचिव संजीव कुमार लाल और उनके नौकर जहांगीर को पकड़ा था। बाद में 15 मई को प्रवर्तन निदेशालय ने मंत्री आलमगीर आलम को भी गिरफ्तार कर लिया था। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पकड़े गए मंत्री को रिमांड पर लेने के लिए ईडी ने उन्हें कोर्ट में पेश किया था।
मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध बनता है – ASG
एडिशल सॉलिसिटर जनरल अनिल कुमार ने बताया, ‘हमने 10 दिन के लिए रिमांड मांगी थी। जितना भी पैसा उनके पीएस के स्टाफ के घर से रेड में मिला था उसके और सभी के बयानों के आधार पर अदालत को बताया गया कि इनके (आलमगीर आलम) खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का अपराध बनता है। वो सारा पैसा इन्हीं का है। हमने अदालत को बताया कि इसीलिए हमने मंत्री को गिरफ्तार किया और उसी के आधार पर रिमांड मांगी जा रही है।’ बताया जा रहा है कि आलमगीर आलम को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा कोटवार भेज दिया जाएगा। शुक्रवार को ईडी उनसे पूछताछ शुरू करेगी। ईडी ने बताया कि ग्रामीण विकास के ठेकों में मंत्री की हिस्सेदारी 1.5 प्रतिशत की थी।
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