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नई दिल्ली. बॉलीवुड में ऐसे बहुत कम सितारे हैं, जिन्होंने अदाकारी के दम पर लोगों को अपना दीवाना बनाया है. कई स्टार्स ने कड़ी मेहनत और अपने हुनर से बड़ा मुकाम हासिल किया है. वैसे सभी सितारों के संघर्ष की अपनी अलग-अलग कहानी है. आज हम आपको ऐसे ही एक स्टार के बारे में बताते हैं, जिन्होंने अपने करियर के पीक पर एक्टिंग को अलविदा कह दिया था और फिर 150 रुपये की दिहाड़ी पर ढाबे पर काम करने लगे थे.
हम जिस स्टार की बात कर रहे हैं उनका नाम है संजय मिश्रा. उनकी अदाकारी के लोग दीवाने हैं. सिल्वर स्क्रीन पर कॉमेडी करनी हो या फिर सीरियस रोल. उन्होंने हर बार अपनी एक्टिंग से ऑडियंस को चौंकाया है. संजय मिश्रा का जन्म बिहार के एक मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था. नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से एक्टिंग की बारीकियां सीखने के बाद संजय मिश्रा साल 1991 में मुंबई पहुंच गए, लेकिन सफलता अब भी उनसे कोसों दूर थी. शुरुआत में संजय मिश्रा को फिल्मी दुनिया में काफी संघर्ष करना पड़ा. इस बीच उन्होंने वड़ा पाव खाकर भी कई दिन गुजारे.
साल 1995 में इस फिल्म से मारी बॉलीवुड में एंट्री
संजय मिश्रा ने साल 1995 में रिलीज हुई शाहरुख खान की फिल्म ‘ओह डार्लिंग ये है इंडिया’ से बॉलीवुड में कदम रखा था. इसमें उनका छोटा सा रोल था. साल 2015 में रिलीज हुई ‘आंखों देखी’ संजय मिश्रा के करियर के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुई थी. इसके लिए उन्हें बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवॉर्ड मिला था. उन्होंने ‘मसान’, ‘गोलमाल फ्रेंचाइजी’, ‘ऑल द बेस्ट’, ‘टोटल धमाल’ जैसी फिल्मों में अपनी एक्टिंग से लोगों के दिलों में खास जगह बनाई है. वहीं, शाहरुख खान के प्रोडक्शन में बनी मूवी में ‘कामयाब’ में उनकी एक्टिंग की खूब चर्चा हुई थी.
FIRST PUBLISHED : May 18, 2024, 14:35 IST
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