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पिता को गोद में लेकर लैब जाता बेटा
– फोटो : अमर उजाला
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माइक्रोबायोलॉजी विभाग में जांच कराने के लिए आए गंभीर बुजुर्ग रोगी को स्ट्रेचर नहीं मिला। बेटा पिता को गोद में लेकर लैब पहुंचा तो उसी वक्त विभाग में प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा निरीक्षण कर रहे थे। उन्हीं के सामने से बेटा पिता को गोद में लेकर निकला। यह देख प्रमुख सचिव हैरत और अफसर सन्न पड़ गए। वहां मौजूद जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने स्ट्रेचर की व्यवस्था कराई। रोगी को उर्सला से रेफर किया गया था। बाद में परिजन उसे निजी अस्पताल में लेकर चले गए।
बेटे अरंविद कश्यप ने बताया कि पिता श्याम सुंदर (70) के गले में तकलीफ है। 15 दिन से वह खा-पी नहीं पा रहे हैं। चार दिन पहले उर्सला में दिखाया तो हैलट रेफर कर दिया। डॉक्टर ने कहा कि उर्सला में मशीनें नहीं है। उस दिन पिता को हैलट इमरजेंसी में भर्ती नहीं किया गया। अब फिर लेकर आए तो ईएनटी विभाग की ओपीडी में डॉ. हरेंद्र ने देखा और नली लगा दी। जांच के लिए कहा तो ओपीडी से सड़क पार कर मेडिकल कॉलेज पिता को गोद में लेकर आए। बाद में अरविंद ने फोन पर बताया कि वह पिता को निजी अस्पताल ले जा रहे हैं।
प्रमुख सचिव के राउंड के दौरान एक व्यक्ति रोगी को गोद में लिए आया था। यह कॉलेज का एकेडमिक ब्लाॅक है। यह हॉस्पिटल का हिस्सा नहीं है। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है। ऐसे दिखाया जा रहा है जैसे एकेडमिक ब्लाॅक हॉस्पिटल का हिस्सा है। यहां पर स्ट्रेचर और व्हीलचेयर की व्यवस्था नहीं होती। दो-चार जांचें ही होती हैं। कॉलेज की छवि धूमिल करने के लिए वीडियो दिखाया जा रहा है।– डॉ. संजय काला, प्राचार्य जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज
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