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History Of Israel : आज इजरायल का जन्मदिन है, इजरायल अब 76 साल का हो गया है. 1948 में 14 मई को यहूदी डेविड बेन-गुरियन ने इजरायल की स्थापना की थी. उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन ने नए राष्ट्र के तौर पर इजरायल को मान्यता दे दी थी. इजरायल की स्थापना के दूसरे ही दिन 5 देशों ने मिलकर हमला कर दिया था, जो इजरायल के लिए ही फायदेमंद साबित हुआ. इजरायल पर 1948 से पहले ब्रिटेन का कंट्रोल था. प्रथम विश्व युद्ध से पहले फिलीस्तीन पर ओटोमन साम्राज्य का राज था. ओटोमन साम्राज्य की हार के बाद ब्रिटेन ने फिलीस्तीन पर नियंत्रण कर लिया. यहां यहूदी और अरबों की आबादी रहती थी.
1917 में आया था यहूदियों के लिए नया देश देने का विचार
दुनियाभर से प्रताड़ित यहूदियों को 1917 में ब्रिटेन के विदेश सचिव आर्थर बाल्फोर ने एक नया देश देने की बात कही थी. ब्रिटेन के फिलीस्तीन में यहूदी लोगों के लिए एक देश बनाने का विचार दिया और फिलीस्तीन में इसकी कोशिश शुरू हो गई. 1920 के बाद से 1940 तक यहां लगातार यूरोप और जर्मनी से भागकर यहूदी फिलीस्तीन पहुंचे. इससे यहां यहूदियों की संख्या बढ़ गई. दूसरे विश्व युद्ध के बाद इजरायल की स्थापना पर तेजी से काम शुरू हुआ. 1947 में संयुक्त राष्ट्र ने फिलीस्तीन को अलग-अलग यहूदी और अरब देश में बांटने के लिए मतदान कराया और यरुशलम को एक अंतरराष्ट्रीय शहर बना दिया. इसे यहूदी नेताओं ने स्वीकार किया, लेकिन अरब पक्ष ने अस्वीकार कर दिया. 1948 में यहूदी नेताओं ने यहूदियों के लिए एक सुरक्षित देश और मातृभूमि होने की बात कहते हुए इजरायल की स्थापना की घोषणा कर दी. इजरायल को अमेरिका का साथ मिला, लेकिन पड़ोसी अरब देश इससे भड़क गए और दूसरे ही दिन 5 देशों की सेनाओं ने नए बने देश पर हमला कर दिया. एक साल तक लड़ाई चली, इसमें इजरायल ने अधिकांश एरिया पर नियंत्रण पा लिया. बड़ी तादाद में फिलिस्तिनियों को अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ा.
6 दिन चली थी लड़ाई
अरब देशों और इजरायल के बीच लड़ाई 1967 में एक बार फिर छिड़ी. ये लड़ाई सिर्फ 6 दिन चली, लेकिन इजरायल के लिए काफी फायदेमंद रही. इजरायल ने पूर्वी यरुशलम और वेस्ट बैंक, सीरियाई गोलान हाइट्स, गाजा और मिस्र के सिनाई प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया. इसके बाद से इजरायल ने वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में बस्तियां बनाकर यहूदियों को बसाया है. इजरायल और फिलीस्तीन के बीच आज भी कई मुद्दे उलझे हुए हैं. इसमें फिलिस्तीनी शरणार्थियों की वापसी, वेस्ट बैंक में यहूदी बस्तियां, यरुशलम पर दावा और फिलिस्तीनी को आजाद देश का दर्जा दिया जाना. इन सब मुद्दों पर कई अरब देशों के साथ आज इजरायल की तनातनी चल रही है.
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