[ad_1]
सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
डकैतों की पकड़ से दो अपह्नत ग्रामीणों को छुड़वाने के दौरान हुई मुठभेड में पुलिस टीम व ग्रामीणों पर जानलेवा हमला करने के मामले के दोषी डाकू शंकर केवट गिरोह के चार सदस्यों को अदालत ने 10-10 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है। प्रत्येक पर 33 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया है।
मंगलवार को सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार सिंह ने बताया कि 13 जनवरी 2006 को तत्कालीन राजापुर थाना प्रभारी डॉ. संजय सिंह पुलिस टीम के साथ भ्रमण कर रहे थे। इस दौरान लमियरी गांव के पास ग्रामीणों ने पुलिस की जीप को रोककर बताया कि डाकू शंकर केवट का गिरोह लमियरी निवासी कल्लू रैदास व गया पाल का अपहरण करके ले गया है। पुलिस टीम ने कुछ दूर तक पीछा करने के बाद धौरहरा में ग्रामीणों के साथ बदमाशों को घेर लिया। खुद को घिरा देखकर डाकू सरगना शंकर केवट न उसके गिरोह के सदस्यों ने पुलिस और ग्रामीणों पर फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में एक ग्रामीण जुगराज सिंह उर्फ चुनकौना के पैर में बदमाशों की गोली लग गई।
[ad_2]
Source link