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34 मिनट पहले
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चौथे चरण की 12 हॉट सीटों पर एक नजर…
1. कन्नौज, यूपी
उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 12 साल बाद चुनाव मैदान में हैं। उनके सामने भाजपा के टिकट पर मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक हैं। कन्नौज सीट सपा का गढ़ मानी जाती है। साल 1999 से 2019 तक हुए 7 लोकसभा चुनाव में से 6 बार यहां यादव परिवार का कब्जा रहा है।
मुलायम ने इस सीट को जीतने के बाद इसे बेटे के लिए छोड़ दिया। इसके बाद अखिलेश 3 बार यहां से सांसद बने। जब अखिलेश यूपी के सीएम बन गए, तब उन्होंने अपनी पत्नी डिंपल को यह सीट सौंप दी। डिंपल यहां से दो बार चुनाव जीतकर संसद पहुंचीं। 2019 में डिंपल सिर्फ 12,353 वोटों से हारी थीं। अखिलेश अब दोबारा इस सीट को बीजेपी के खाते में नहीं जाने देना चाहते हैं।
2. लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश
यूपी की खीरी से केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं। उनके सामने समाजवादी पार्टी ने उत्कर्ष वर्मा मधु और बसपा ने अंशय कालरा को उतारा है। भाजपा ने पहली बार इस सीट पर 1991 में जीत हासिल की थी। 1996 में भी पार्टी को जीत मिली थी। इसके बाद पार्टी को सीधे 2014 में जीत मिली, जब अजय मिश्र टेनी भाजपा के उम्मीदवार थे।
अक्टूबर 2021 में टेनी के बेटे पर किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर में किसानों पर कार चढ़ाने का आरोप लगा। इसके चलते वह लंबे समय तक विवादों में बने रहे, लेकिन इन विवादों के बावजूद एक बार फिर भाजपा ने टेनी पर भरोसा जताया है।
3. उन्नाव, यूपी
यूपी की उन्नाव लोकसभा सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा सांसद साक्षी महाराज तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं। वह 10 साल से इस सीट से सांसद हैं। उनके खिलाफ इंडी गठबंधन की तरफ से समाजवादी पार्टी ने अन्नू टंडन को उम्मीदवार बनाया है। 2019 के चुनाव में साक्षी महाराज ने सपा प्रत्याशी अरुण शंकर शुक्ल को 4 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था।
4. हैदराबाद, तेलंगाना
तेलंगाना की हैदराबाद सीट पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ भाजपा ने माधवी लता को उतारा है। इस सीट पर करीब 60 फीसदी मुसलमान तो करीब 40 फीसदी हिंदू आबादी है। इस हैदराबाद सीट पर 1984 से AIMIM लगातार जीतती आ रही है।
हैदराबाद सीट पर असदुद्दीन ओवैसी के पिता दिवंगत सलाहुद्दीन ओवैसी 1984 से 1999 तक लगातार 6 चुनाव जीते। इसके बाद 2004 से लेकर 2019 तक लगातार 4 बार से असदुद्दीन ओवैसी यहां से जीत रहे हैं। कुल मिलाकर 10 बार से लगातार इस सीट पर ओवैसी परिवार का कब्जा है।
5. सिकंदराबाद, तेलंगाना
तेलंगाना की सिकंदराबाद लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं। उनके सामने कांग्रेस से दानम नागेंद्र, बसपा से बस्वानंदम दांडेपु, बीआरएस से पद्म राव टी की चुनौती है। यह सीट 1957 में अस्तित्व में आई थी। 2014 में BJP के बंडारू दत्तात्रेय ने चुनाव जीता था, वहीं 2019 में BJP से ही जी. किशन रेड्डी ने चुनाव जीता था।
6. बेगूसराय, बिहार
बिहार के बेगुसराय से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह को चुनावी मैदान में उतारा हैं। इंडी गठबंधन के तहत यह सीट CPI के खाते में गई है। CPI ने अपने पूर्व विधायक अवधेश राय को उम्मीदवार बनाया है। 2019 लोकसभा चुनाव में CPI ने कन्हैया कुमार को टिकट दिया था। तब गिरिराज सिंह ने उन्हें 4 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था।
7. नित्यानंद राय, उजियारपुर
बिहार की उजियारपुर लोकसभा सीट से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं। उनके खिलाफ RJD ने आलोक कुमार मेहता और बसपा ने मोहन कुमार मौर्या को उतारा है। 2019 के चुनाव में नित्यानंद राय ने लगभग 3 लाख वोटों से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा को हराया था।
8. खूंटी, झारखंड
झारखंड की खूंटी लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा चुनाव लड़ रहे हैं। 2019 के चुनाव में वे काफी कम 1445 वोटों के अंतर से जीते थे। अर्जुन मुंडा के खिलाफ इस बार कांग्रेस ने मौजूदा विधायक काली चरण मुंडा को प्रत्याशी बनाया है। उनके भाई नीलकंठ सिंह मुंडा भाजपा के स्थानीय विधायक हैं।
9. कृष्णानगर, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर लोकसभा सीट से TMC ने महुआ मोइत्रा को लगातार दूसरी बार मैदान में उतारा है। 8 दिसंबर 2023 को कैश-फॉर-क्वेरी मामले में उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी। महुआ को पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में दोषी पाया गया था।
महुआ के खिलाफ भाजपा ने अमृता राय को टिकट दिया है। इस सीट पर साल 2019 के चुनाव में महुआ ने BJP के कल्याण चौबे को 63,218 वोटों से हराया था। वहीं, साल 2014 में TMC के तापस पाल ने CPM प्रत्याशी के शांतनु झा को हराया था।
10. बहरामपुर, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के बड़े नेता अधीर रंजन चौधरी चुनाव मैदान में हैं। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने क्रिकेटर यूसुफ पठान पर दांव लगाया है। भाजपा के टिकट पर निर्मल कुमार साहा उतरे हैं। इस सीट पर 1999 से अब तक कांग्रेस के अधीर चौधरी ने लगातार चार बार जीत हासिल की है।
2019 के चुनाव में उन्होंने TMC की अपूर्वा सरकार को 80 हजार वोटों से हराया था। बहरामपुर सीट पर 52% मुस्लिम आबादी है, लेकिन आज तक एक भी मुस्लिम सांसद चुनाव जीत कर लोकसभा में नहीं पहुंचा है।
11. आसनसोल, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा TMC की टिकट पर दूसरी बार मैदान में हैं। भाजपा ने एसएस अहलुवालिया को उनके खिलाफ उतारा है। 2019 में आसनसोल सीट से भाजपा से बाबुल सुप्रियो सांसद बने थे। इसके बाद वे 17 सितंबर 2021 को TMC में शामिल हो गए और बालीगंज विधानसभा से चुनाव जीते।
अक्टूबर 2022 में विधायक बनने के बाद बाबुल सुप्रियो ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया। यहां उपचुनाव हुए और TMC से शत्रुघ्न सिन्हा जीत गए। उन्होंने BJP की अग्निमित्रा पॉल को 3 लाख से ज्यादा वोटों से हराया था।
12. बर्धमान, पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल के बर्धमान से क्रिकेटर कीर्ति आजाद TMC की टिकट पर यहां से चुनाव मैदान में हैं। उनके खिलाफ भाजपा ने दिलीप घोष को उतारा है। यह सीट 2008 में संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन के बाद 2009 में बनाई गई थी। तब से इसने पिछले तीन चुनाव में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, TMC और भाजपा प्रतिनिधियों को लोकसभा भेजा है। भाजपा के एस. एस. अहलूवालिया ने 2019 में लगभग 3,000 वोटों से जीत गए थे।
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