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नई दिल्ली32 मिनट पहले
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अरविंद केजरीवाल को ED ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। 1 अप्रैल को केजरीवाल तिहाड़ जेल भेजे गए।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार 7 मई को सुनवाई होनी है। इससे पहले 3 मई को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा था कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर विचार किया जा सकता है, ताकि वे कैंपेन में हिस्सा ले सकें। वहीं, भारत राष्ट्रवादी समिति (BRS) नेता के कविता की कस्टडी भी 7 मई को खत्म हो रही है।
दिल्ली शराब नीति मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड पर सुप्रीम कोर्ट में 3 मई को दो घंटे बहस हुई थी। बेंच ने कहा कि मेन केस यानी जिसमें केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती दी है, इसमें समय लग सकता है। कोर्ट ने ED से कहा- अगली सुनवाई में अंतरिम जमानत की शर्तों को भी बताया जाए।
केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और ED की तरफ से ASG एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट में दलीलें रखीं। सिंघवी ने एक बार फिर कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी है। केजरीवाल ने ED के 9 समन का जवाब दिया था। जांच एजेंसी के सामने पेश न होना गिरफ्तारी का आधार नहीं हो सकता।
वहीं, राजू ने केजरीवाल की गिरफ्तारी का आधार बताया। उन्होंने कहा- केजरीवाल को गिरफ्तार करने का निर्णय सिर्फ जांच अधिकारी नहीं, बल्कि एक स्पेशल जज द्वारा भी लिया गया था। दिल्ली के CM गिरफ्तार नहीं किए जाने को लेकर हाईकोर्ट भी गए थे, लेकिन कोर्ट ने दस्तावेजों को देखने के बाद गिरफ्तारी से रोक पर दखल देने से इनकार कर दिया।
3 मई की सुनवाई में कोर्ट रूम में बहस
30 अप्रैल की सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट ने ED से 5 सवाल पूछे
- क्या बिना किसी न्यायिक कार्यवाही के विजय मदनलाल चौधरी या अन्य मामले में जो कहा गया है, उसके संदर्भ में आपराधिक कार्यवाही शुरू की जा सकती है? (जस्टिस खन्ना ने कहा कि केजरीवाल के मामले में अब तक कोई कुर्की नहीं हुई है। अगर हुई है तो ED को यह बताना होगा कि उनका संबंध कैसे था)
- मनीष सिसोदिया मामले में फैसले के दो हिस्से हैं- एक, जो उनके पक्ष में है, दूसरा, जो उनके पक्ष में नहीं है। केजरीवाल का मामला किस भाग में आता है?
- PMLA के सेक्शन-19 की व्याख्या कैसे की जाए, क्योंकि केजरीवाल जमानत के लिए आवेदन करने के बजाय गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ आ रहे हैं। यदि वे बाद का रास्ता अपनाते हैं तो उन्हें PMLA के सेक्शन-45 के तहत उच्च प्रावधानों का सामना करना पड़ेगा?
- मामले में कार्यवाही शुरू होने और कुछ समय बाद बार-बार शिकायत दर्ज होने के बीच का समय। (इस संबंध में यह बताया गया कि अंतर के गंभीर नतीजे होंगे। चूंकि धारा 8 न्यायिक प्रक्रिया के लिए 365 दिनों की अधिकतम समय सीमा निर्धारित करती है)
- गिरफ्तारी की टाइमिंग। चुनाव के पहले ऐसा क्यों किया?
29 अप्रैल की सुनवाई: केजरीवाल की तरफ से दी गईं दलीलें
- 3 स्टेज होती हैं। दस्तावेज, विश्वास करने का कारण और आरोपी होना। गिरफ्तार करने का अधिकार होने का मतलब यह नहीं कि गिरफ्तार कर लें। आरोप साबित होना चाहिए, सिर्फ शक नहीं होना चाहिए। आपके पास पुख्ता या आरोपी साबित करने के सबूत होने चाहिए। कुछ आधार होना चाहिए, जो हमें नहीं पता।
- केजरीवाल को CBI ने बुलाया, वे गए। ED के नोटिस का डिटेल में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि वे नहीं आ सकते। आप आज ये नहीं कह सकते हैं कि आप आए नहीं, इसलिए हमने गिरफ्तार कर लिया। ये मेरा अधिकार है कि मैं न जाऊं।
- अगर कोई आरोपी कहता है कि मैं बयान नहीं दूंगा तो क्या आप कह सकते हैं कि आरोपी सहयोग नहीं कर रहा है, इसलिए उसे गिरफ्तार करते हैं? इन्होंने केजरीवाल को गिरफ्तार किया। सेक्शन 50 के तहत वहां बयान नहीं लिए गए। डेढ़ साल तक गिरफ्तारी नहीं की गई। मेरी बेल को नकार दिए जाने से मुझे घर आकर गिरफ्तार करने का आधार नहीं बन जाता।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- आपको ED ने जो नोटिस भेजे, आपने उन्हें नजर अंदाज क्यों किया। आप गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ यहां आए, आपने जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट क्यों नहीं गए। इस पर केजरीवाल के वकील सिंघवी ने कहा था कि गिरफ्तारी अवैध है इसलिए। ED के वकील एसवी राजू ने कहा कि इन्होंने पिछली कस्टडी का भी विरोध नहीं किया था।
15 अप्रैल: सुप्रीम कोर्ट ने ED को नोटिस देकर गिरफ्तारी पर जवाब मांगा
- 15 अप्रैल को अरविंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED से 24 अप्रैल तक जवाब मांगा था। हलफनामे में ED ने कहा कि कई बार समन भेजे जाने के बावजूद उन्होंने एजेंसी के साथ सहयोग नहीं किया।
- ED ने यह भी कहा कि केजरीवाल को किसी दुर्भावना या दूसरे कारणों से गिरफ्तार नहीं किया गया है। किसी अपराध की जांच एक ऐसा क्षेत्र है जो जांच एजेंसी के लिए रिजर्व है। उनकी गिरफ्तारी भी जांच का हिस्सा है।
केजरीवाल 21 मार्च को अरेस्ट हुए, 1 अप्रैल से तिहाड़ में बंद
ED ने शराब नीति केस में केजरीवाल को 21 मार्च को अरेस्ट किया था। ED ने 22 मार्च को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दिल्ली सीएम को 28 मार्च तक ED रिमांड पर भेजा, जो बाद में 1 अप्रैल तक बढ़ाई गई। कोर्ट ने 1 अप्रैल को उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था।
शराब नीति केस में केजरीवाल को इस साल 27 फरवरी, 26 फरवरी, 22 फरवरी, 2 फरवरी, 17 जनवरी, 3 जनवरी और 2023 में 21 दिसंबर और 2 नवंबर को समन भेज गया था। हालांकि, वे एक बार भी पूछताछ के लिए नहीं गए। निचली अदालत और हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने पर केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं।
9 अप्रैल को हाईकोर्ट ने कहा- अरेस्ट सही, ED ने पर्याप्त सबूत दिए
दिल्ली हाईकोर्ट ने 9 अप्रैल को कहा था कि ED ने हमारे सामने पर्याप्त सबूत पेश किए। हमने बयानों को देखा, जो बताते हैं कि गोवा के चुनाव के लिए पैसा भेजा गया था। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि हमें संवैधानिक नैतिकता की फिक्र है, ना कि राजनीतिक नैतिकता की। मौजूदा केस केंद्र और केजरीवाल के बीच नहीं है। यह केस केजरीवाल और ED के बीच है। हाईकोर्ट ने कहा कि ED ने कानूनी प्रक्रिया का पालन किया। उसके पास हवाला ऑपरेटर्स और AAP कैंडिडेट के बयान हैं।
सिसोदिया इसी मामले में जेल में, संजय सिंह जमानत पर
केजरीवाल से पहले शराब नीति केस में AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की भी गिरफ्तारी हुई थी। सिसोदिया 26 फरवरी 2023 से जेल में बंद हैं। संजय सिंह को ED ने 4 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था। 2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने संजय सिंह को जमानत दे दी थी। तिहाड़ में 6 महीने रहने के बाद 3 अप्रैल को वो बाहर आए थे।
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