चोपन सोनभद्र एक तरफ जहां सरकार की मंशा देश से टीवी जैसे खतरनाक रोग का जड़ से उन्मूलन करना है और इस दिशा में पर्याप्त मात्रा में सरकारी धन भी खर्च किया जा रहा है विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अलग से क्षयरोग का विभाग बनाकर स्टाफ की तैनाती भी की गई है लेकिन दुर्भाग्य है कि चोपन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टीवी जैसे जानलेवा रोग की दवा समाप्त हुए लगभग डेढ़ महीने हो गए हैं और विभागीय स्तर पर अभी तक मरीजों को निशुल्क मिलने वाली टीवी की दवा अभी तक उपलब्ध नहीं कराई जा सकी है जिससे मरीज दर-दर भटकने के लिए विवश है प्राप्त जानकारी के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोपन में लगभग सैकड़ों की संख्या में लोग टीवी नामक बीमारी से ग्रसित है जिनका उपचार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोपन से चलता है लेकिन विगत डेढ़ माह से टीवी की दवा चोपन अस्पताल में समाप्त बताई जा रही है जब मरीज दवा लेने के लिए पहुंचते हैं तो वहां मौजूद स्टाफ द्वारा बताया जाता है कि टीवी की दवा की सप्लाई अभी नहीं हो रही है इसलिए आप मार्केट से दवा लेकर के उपयोग करें ऐसी स्थिति में मरीज को महंगे रेट पर मार्केट से दवा खरीद कर खानी पड़ रही है यह स्थिति तब है जब कि चोपन विकासखंड के अधिकांश ग्रामीण हिस्से आदिवासी बाहुल्य है जहां गरीब और बेसहारा लोग जंगलों में निवास करते हैं उनके सामने दवा खरीद कर अपना इलाज कर पाना काफी मुश्किल है इस संदर्भ में जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने बताया की टीवी की दवा पिछले महीने से डिमांड के अनुसार पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो पा रही है थोड़ी बहुत जो भी दवा उपलब्ध हो पाती है उसे मरीजों को वितरित कर दिया जाता है और मरीजों से मार्केट से दवा लेने के लिए इसलिए कहा जाता है कि मरीज की दवा गैप ना हो क्योंकि टीवी जैसे बीमारी में दवा गैप होने पर रोग की पुनरावृत्ति होने की संभावना बढ़ जाती है लेकिन मरीजों का कहना है कि कुल मिला-जुला कर यह समस्या का समाधान नहीं हो सकता हम लोग परेशान है रोज अस्पताल दौड़ रहे हैं दवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है पहले स्टाफ द्वारा यह बताया गया की पुरानी दवाएं एस्पायर हो गई हैं नई दवाई आने पर वितरित की जाएगी लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी अभी तक हम लोगों को दवा नहीं मिल पा रही है ऐसे में किसी प्रकार से मार्केट से दवा मंहगे रेट पर खरीद कर खाने को विवश मरीज हैं ऐसे में मरीजों समेत आसपास के लोगों ने इस गंभीर विषय पर शासन का ध्यान आकर्षित कराया है