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भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक डॉ. गीतिका श्रीवास्तव व्हाइट हाउस कैंसर मूनशॉट प्रोग्राम के सहयोग से शुरू की गई अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) की उस पहल का नेतृत्व कर रही हैं, जिससे भारत में कैंसर से संबंधित क्लिनिकल परीक्षणों तक पहुंच को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने में मदद मिलेगी. पिछले साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कैंसर के मामलों के बोझ कम करने के लिए प्रतिबद्धता जताई थी. भारत में इसके लिए गीतिका श्रीवास्तव को चुना गया है.
वैश्विक आबादी में करीब 20 प्रतिशत लोग भारतीय हैं. इसके बावजूद कैंसर के संबंध में वैश्विक स्तर पर किए जाने वाले परीक्षणों में से केवल 1.5 प्रतिशत परीक्षण ही भारत में किए जाते हैं. ‘प्रोजेक्ट आशा’ के जरिए इस असामनता को दूर किया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल जून में अमेरिका का दौरा किया था. उसी दौरान उन्होंने और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत में कैंसर के बढ़ते मामलों के बोझ को कम करने के लिए उचित कदम उठाने को लेकर प्रतिबद्धता जताई थी.
दोनों नेताओं ने ‘अमेरिका-भारत कैंसर वार्ता’ की घोषणा की थी जिसका उद्देश्य कैंसर की रोकथाम करना, शुरुआती चरण में इसका पता लगाना और उचित इलाज मुहैया कराने की दिशा में कदम उठाना है.
एफडीए की ‘ऑनकोलॉजी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ (ओसीई) ने इस परियोजना के लिए भारतीय-अमेरिकी चिकित्सक डॉ. गीतिका श्रीवास्तव को चुना है.
डॉ. श्रीवास्तव एफडीए के कैंसर रोग विभाग-तीन में कार्यरत हैं और कैंसर रोग के उपचार में विशेषज्ञ हैं. ‘प्रोजेक्ट आशा’ के तहत भारत में कैंसर से संबंधित क्लिनिकल परीक्षणों के वर्तमान परिदृश्य को जानने, हितधारकों के साथ बातचीत करने एवं नियामक संबंधी चुनौतियों के निपटने के लिये उचित कदम उठाए जाएंगे और परीक्षण में आने वाली बाधाओं को इंगित किया जाएगा.
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