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रांची2 घंटे पहलेलेखक: पंकज कुमार पाठक
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रांची में रविवार को आयोजित उलगुलान न्याय महारैली की पूरी जिम्मेदारी कल्पना सोरेन ने अपने कांधे पर ले रखी थी। उन्होंने खुद फोन कर गठबंधन के नेताओं को निमंत्रण दिया। इस रैली में पांच लाख लोगों के शामिल होने का दावा था। मैदान में भीड़ तो थी, लेकिन संख्या पांच लाख तक नहीं पहुंची।
इस रैली का महत्व इसलिए भी अधिक रहा, क्योंकि राज्य में चौथे चरण में मतदान होना है। 13 मई 2024 को राज्य के चार सीट सिंहभूम, खूंटी, लोहरदगा और पलामू में मतदान होना है। इस रैली के माध्यम से मतदाताओं को I.N.D.I.A गठबंधन की तरफ खींचने की कोशिश रही।
रैली में ये संकेत दे दिए गए कि कल्पना गांडेय से उपचुनाव लड़ेंगी।
रैली कैसे प्लान हुई
इस रैली की प्लानिंग कल्पना सोरेन की नई टीम ने की थी। कल्पना सोरेन की देखरेख में इसकी पूरी तैयारी हुई। इस टीम में पार्टी के कई युवा चेहरे शामिल रहे हैं। कल्पना सोरेन गांडेय उपचुनाव लड़ रही हैं। हालांकि, अब तक आधिकारिक तौर पर इसका ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन पार्टी की तरफ से यह संकेत साफ है और कल्पना इसकी तैयारी में भी जुट गई हैं।
रैली की पूरी जिम्मेदारी कल्पना सोरेन व्यक्तिगत तौर पर भी देख रही थी। नेताओं को उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर फोन कर आमंत्रित किया है, जिसकी पुष्टि तेजस्वी यादव ने भी की है।
कल्पना सोरेन एक बार गांडेय विधानसभा का दौरा कर चुकी हैं। जनता से सीधे कनेक्ट होने की कोशिश भी की गई है। इस रैली के माध्यम से कल्पना सोरेन ने पार्टी के कार्यकर्ता, उनके समर्थकों के बीच हेमंत सोरेन के संदेश को पढ़ा।
हेमंत सोरेन को लेकर कार्यकर्ताओं के बीच इस चिट्ठी की चर्चा रही। हेमंत सोरेन लंबे समय से जेल में बंद हैं। ऐसे में उनकी चिट्ठी ने कल्पना सोरेन को समर्थकों और पार्टी के नेताओं से जोड़ने में एक कड़ी का काम किया।
पार्टियों का शक्ति प्रदर्शन
राज्य में सीट बंटवारे को लेकर कई पार्टियों के बीच तकरार की खबरें मीडिया की सुर्खियों में रही। मुख्य रूप से लोहरदगा और चतरा सीट को लेकर कांग्रेस और जेएमएम के बीच खींचतान रही। इस रैली के माध्यम से जनता के बीच यह संदेश देने की कोशिश थी कि हम एकजुट हैं।
इस शक्ति प्रदर्शन के दौरान भी सीट बंटवारे को लेकर चला आ रहा विवाद मैदान पर उस समय नजर आया जब के.एन. त्रिपाठी के विरोध में नारे लगे। राजद और कांग्रेस समर्थकों के बीच जमकर कुर्सियां चलीं।
दरअसल, इस सीट पर राजद का दावा है, लेकिन कांग्रेस ने यहां से उम्मीदवार उतार दिया है। लोहरदगा सीट से जेएमएम विधायक चमरा लिंडा के निर्दलीय लड़ने की चर्चा है, क्योंकि यहां भी कांग्रेस ने सुखदेव भगत को उम्मीदवार बनाया है। पार्टी के नेताओं की आपस में मुलाकात हुई है, लेकिन इस पर कोई सहमति या फैसला नहीं हुआ कि इस विवाद को कैसे खत्म किया जाए।
रविवार को रांची में इंडी गठबंधन की उलगुलान रैली में राजद-कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर चलीं कुर्सियां।
कितनी कारगर रही रैली
रैली की भीड़ से अगर इसके कारगर होने का अनुमान लगाएंगे तो हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन और अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल के संबोधन से पहले भीड़ मन से नेताओं के बयान सुनते रहे, लेकिन दोनों के संबोधन खत्म होने के बाद से ही लोगों की भीड़ छटने लगी।
रैली की भीड़ अगर वोट बैंक में बदलती है तो इस रैली को सफल माना जाएगा, लेकिन इन नेताओं के पक्ष में हो रही चर्चा और चुनावी राजनीति में चर्चा में रहना भी एक बड़ी सफलता के रूप में मानी जाती है।
रैली में कल्पना के साथ सुनीता केजरीवाल भी मौजूद रहीं।
लोकसभा चुनाव में कितना मददगार होगा
इस रैली से पंजाब के सीएम भगवंत मान, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, आप नेता संजय सिंह ने दावा किया कि पहले चरण के मतदान में कांग्रेस और गठबंधन 80 से 90 प्रतिशत सीट जीत रही है। इस भीड़ में किए जाने वाले दावे जनता पर प्रभाव छोड़ने की कोशिश है।
इस रैली में ज्यादातर कार्यकर्ता और समर्थक शामिल थे। इसके अलावा राज्य के कई हिस्सों से भी लोगों को लाया गया था। राज्य में चुनाव के पहले यह एक बड़ी रैली रही, जिसमें गठबंधन के सभी नेता शामिल रहे। मंच पर राज्य के कई हिस्सों से सभी पार्टियों के कार्यकर्ता और समर्थक भी अपने नेता को देखने पहुंचे थे। सभी पार्टियों की एक जुटता का लाभ इस लोकसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है।
बाहरी और भीतरी की चर्चा तेज महागठबंधन को होगा नुकसान
वरिष्ठ पत्रकार सुनील सिंह बादल ने का कहना है कि इस रैली में एक संदेश देने की कोशिश थी कि भाजपा मुख्यमंत्रियों को प्रताड़ित कर रही है। एक तरफ अरविंद केजरीवाल और हेमंत के कटआउट भी लगे थे। दोनों जेल में बंद हैं। उसकी तस्वीर सामने रखी गई थी।
रैली में कांग्रेस और राजद के समर्थकों के बीच मारपीट हो गई। राज्य में इससे बाहरी और भीतरी का मुद्दा जो दबा हुआ था। इस घटना से वह सामने आ गई। अंदरखाने बाहरी और भीतरी का मुद्दा है, जो नुकसान कर गया और इसकी राज्य भर में चर्चा हो रही है। इसका नुकसान तीनों पार्टियों को होगा।
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