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दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने एक किरायेदार को वसंत कुंज में स्थित एक संपत्ति खाली करने का निर्देश दिया है। अदालत ने किरायेदार को 84 वर्षीय बुजुर्ग मकान मालिक को बकाया किराए का भी भुगतान करने का निर्देश दिया है। इसमें सबसे खास बात यह है कि अदालत ने महज 28 दिनों के भीतर मुकदमे की सुनवाई की दूसरी तारीख पर ही इस मुकदमे का निपटारा करते हुए नई मिसाल पेश की है।
जानकारी के अनुसार, मकान मालिक ने हाल ही में वसंत कुंज क्षेत्र में अवैध रूप से कब्जा किए गए अपने एक फ्लैट के किरायेदार के खिलाफ बेदखली, कब्जा और बकाया किराये की वसूली के लिए दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में मुकदमा दायर किया था।
किरायेदार को लगा झटका, हाईकोर्ट ने मकान मालिक के हक में सुनाया फैसला
उक्त मुकदमा 18 मार्च को सूचीबद्ध किया गया था और उसके बाद इसे सुनवाई के लिए 16 अप्रैल को सूचीबद्ध किया गया था। मकान मालिक ने अपने वकील के माध्यम से अदालत में तर्क दिया कि किरायेदार ने पिछले कुछ महीनों से किराया नहीं दिया है। किराया मांगने पर किरायेदार ने मकान मालिक को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी और फ्लैट खाली करने से भी इनकार कर दिया।
मकान मालिक ने अपने वकील के माध्यम से अदालत को आगे बताया कि किरायेदार ने उसे मुकदमे की संपत्ति का दौरा करने से भी रोक दिया है और संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया है और उसमें संरचनात्मक परिवर्तन किए हैं।
बुजुर्ग मकान मालिक ने आगे बताया कि वह एक वरिष्ठ नागरिक हैं और 84 वर्ष के हैं और किरायेदार के गैरकानूनी कृत्यों के कारण बेहद पीड़ित हैं। उन्होंने बताया कि किराये के भुगतान के लिए उन्हें दिए गए चेक भी बाउंस हो गए हैं।
उनके वकील ने कहा कि मौजूदा स्थिति में मकान मालिक असहाय है और किरायेदार ने मकान मालिक के साथ धोखाधड़ी की है। मकान मालिक और व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित किरायेदार के वकील की दलीलें सुनने के बाद अतिरिक्त जिला न्यायाधीश ने 16 अप्रैल को किरायेदार को फ्लैट खाली करने का निर्देश दिया और किरायेदार को 1,61,000 रुपये के बकाया किराये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया। अदालत ने मुकदमे की सुनवाई की दूसरी तारीख पर 28 दिनों के भीतर मकान मालिक के पक्ष में और किरायेदार के खिलाफ सहमति से मुकदमे का फैसला सुनाया है।
मकान मालिक का प्रतिनिधित्व फिडेलीगल एडवोकेट्स एंड सॉलिसिटर के सुमित गहलोत और टीएस ठकरान एडवोकेट्स के माध्यम से किया गया था।
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