(उत्तर प्रदेश के अधिवक्ताओ के क्लेम प्रार्थना पत्रों का शीघ्र निस्तारण करने के सम्बंध में संयुक्त अधिवक्ता महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ने बार कौंसिल को लिखा पत्र)
(सोनभद्र के दिवंगत अधिवक्ताओं के मृत्यु दावा प्रार्थना पत्रों की भेजी सूची)
सोनभद्र। विगत कई वर्षों से उत्तर प्रदेश के हजारों अधिवक्ताओ के क्लेम आवेदन पत्रों का बार कौंसिल द्वारा जल्द निस्तारण ना करना बहुत ही दुःखद और निराशाजनक है।उक्त बातें संयुक्त अधिवक्ता महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शरण मिश्र ने बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के चेयर मैन को प्रेषित पत्र में लिखा है।उन्होंने बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के चेयरमैन को प्रेषित पत्र में लिखा है कि
प्रदेश के हजारों अधिवक्ताओ के मेडिकल क्लेम, डेथ क्लेम एवम अधिवक्ता कल्याण निधि क्लेम आदि के आवेदन पत्रों का जो विगत कई वर्षों से विचाराधीन है के जल्द से जल्द निस्तारण करने की माँग करता हूँ। श्री मिश्र ने लिखा है कि श्रीमान अध्यक्ष जी बड़े ही दुःख के साथ लिखना पड़ रहा है कि जनपद सोंनभद्र सहित उत्तर प्रदेश के अन्य जनपदों के सैकड़ो अधिवक्ताओ के क्लेंम आवेदन पत्रों के निस्तारण हेतु बार कौंसिल द्वारा प्रभावी कदम नही उठाया जा रहा है जिससे बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के कार्यशैली के प्रति प्रदेश के अधिवक्ता साथियों व उनके आश्रितों के हृदय में अत्यधिक दुःख,आक्रोश व अविश्वास ब्याप्त है। प्रदेश के अधिवक्ता साथियों का आरोप है कि “बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश द्वारा अधिवक्ताओ के क्लेम आवेदन पत्रों के निस्तारण आशानुकूल नही होने से दिवंगत अधिवक्ताओ के आश्रितों को बहुत ही दुःखद स्थिति से गुजरना पड़ रहा है।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ने अपने पत्र में लिखा है कि बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश पूरे प्रदेश के अधिवक्ताओ की संस्था है और प्रदेश के सभी पंजीकृत अधिवक्ता इस संस्था के सदस्य हैं इसलिए आप से अनुरोध करता हूँ कि आप बिना किसी भेदभाव के निष्पक्ष रूप से विचाराधीन क्लेम प्रार्थना पत्रों का निस्तारण जल्द से जल्द करवाने की कृपा करे जिससे बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के प्रति प्रदेश के अधिवक्ताओ का विश्वास कायम रह सकें।
साथ ही श्री मिश्र ने अपने पत्र में सोनभद्र के दिवंगत अधिवक्ता साथियों की एक सूची भी अंकित करते हुए उक्त मृत्यु दावा प्रार्थना पत्रों का निस्तारण जल्द से जल्द करवाने की अपील की है जिसमे स्वर्गीय अरुण कुमार पांडेय
अधिवक्ता पंजीयन संख्या 02293/1987, स्वर्गीय सुरेश श्रीवास्तव अधिवक्ता पंजीयन संख्या-09203/2001, स्वर्गीय शशि रंजन श्रीवास्तव अधिवक्ता पंजीयन संख्या-10306/1999, स्वर्गीय बाबू राम
अधिवक्ता पंजीयन संख्या-00837/2012,
स्वर्गीय अरविंद कुमार जैसवार अधिवक्ता पंजीयन संख्या-02336/2010, स्वर्गीय दीपक कुमार जायसवाल अधिवक्ता पंजीयन संख्या-4414/2006, एवम स्वर्गीय जय प्रकाश चौबे मुख्य रूप से है।