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हरियाणा में सरकार गठन के डेढ़ माह बाद भी कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने में असफल रही है, जिससे विधानसभा सत्र के दौरान विपक्षी दल की मजबूती पर सवाल उठे। कांग्रेस नेता शमशेर सिंह गोगी ने इसे नेतृत्व की व्यस्तता का परिणाम बताते हुए कहा कि महाराष्ट
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गोगी ने माना कि सत्र से पहले यह फैसला होना चाहिए था। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष की हार और पार्टी के 15 वर्षों से संगठन हीन होने को उन्होंने कांग्रेस की कमजोरी करार दिया। भाजपा पर निशाना साधते हुए गोगी ने किसानों के लिए किए गए वादों को झूठा बताया और करनाल मंडियों में फर्जीवाड़े व नौकरियों में अनियमितताओं का आरोप लगाया।
उन्होंने चुनावों में धनबल और साम-दाम-दंड-भेद अपनाने का भी मुद्दा उठाया। कांग्रेस में गुटबाजी और अनुशासन पर सवालों के बीच गोगी ने पार्टी को मजबूत करने के लिए कठोर निर्णय लेने की वकालत की।
सरकार बनने के डेढ़ माह बाद भी कांग्रेस बिना नेता प्रतिपक्ष बनाए सदन में बैठ गई? इस सवाल पर कांग्रेस नेता शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है, क्योंकि ऐसा पहले भी कई जगह हो चुका है। चूंकि अभी महाराष्ट्र व झारखंड का इलेक्शन है और पूरी लीडरशिप वहां बिजी है। जिस वजह से नेता प्रतिपक्ष पर ध्यान नहीं दिया गया।
ऐसे में अगर विधानसभा सेशन से पहले नेता प्रतिपक्ष का फैसला कर देते तो बड़ी ही अच्छी बात थी, फैसला तो होना ही चाहिए और वह आने वाले दिनों में होना ही है। नेता प्रतिपक्ष के साथ क्या प्रदेश अध्यक्ष का फैसला भी होना है, क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष खुद भी चुनाव हार गए है, और हार की जिम्मेदारी कौन लेगा?
किसकी वजह से हारे सभी को पता है गोगी ने कहा कि हार की जिम्मेदारी कोई ले या ना ले, जनता को भली भांति पता है कि किसकी वजह से हारे है और कैसे हारे है, लेकिन यह ताे एक मर्यादा है और उस मर्यादा को रखते तो जिम्मेदारी लेनी चाहिए थी। प्रदेश अध्यक्ष तो आगे पीछे बन सकता है लेकिन सीएलपी लीडर बन जाना चाहिए।
लेकिन अब सेशन निकल चुका है, हो सकता है अब इकट्ठा ही फैसला हो जाए। कांग्रेस में गुटबाजी के सवाल पर गोगी ने जवाब दिया कि गुटबाजी तो कही पर भी नहीं है, लेकिन जितने भी लीडर है उनको ध्यान में तो रखा ही जाएगा।
8 सदस्यीय कमेटी द्वारा आपको भी बुलाया गया था, उसमें क्या रहा? गोगी ने जवाब देते हुए कहा कि कमेटी ने मुझे भी बुलाया था, लेकिन मैं उस दिन ब्यास गया हुआ था। मैं वहां दिल्ली नहीं जा सका था, फिर मैने चेयरमैन कर्ण दलाल जी से बात की थी तो उन्होंने बताया कि हार की समीक्षा के लिए यह कमेटी है, उन्होंने मुझे पूरी जानकारी दी थी।
अब मुझे लगता है कि मेरी चेयरमैन से मुलाकात चंडीगढ़ में बात होगी, दो या चार दिन बाद।
हमारा दुर्भाग्य है कांग्रेस का संगठन नहीं बना हरियाणा में जल्द ही संगठन कांग्रेस द्वारा बनाया जा सकता है? इस सवाल पर गोगी ने कहा कि संगठन न होना यह एक बड़ा कारण है। हमारा और हमारी पार्टी का भी दुर्भाग्य है कि पिछले 15 साल से हमारा संगठन ही नहीं है। अब संगठन बनाना है और बनना चाहिए।
मीडिया के माध्यम से एक बात कहना चाहूं कि जिन लोगों ने एमपी के इलेक्शन में या फिर एमएलए के इलेक्शन में पार्टी का विरोध किया है, ऐसे लोगों को संगठन से दूर रखा जाएगा, ऐसे लोग कभी भी वफादारी नहीं करेंगे। अगर डिसिप्लिन स्ट्रांग होगा तो ही बात बन पाएगी।
अगर दोबारा से संगठन में उन्हीं लोगों को ला देंगे, जिन्होंने हाथ के पंजे को अपना कैंडिडेट नहीं माना। तो पार्टी मजबूत होने की बजाए कमजोर होगी। अगर ऐसे लोगों की लिस्ट लंबी भी होती है तो कोई दिक्कत नहीं, उसके बावजूद भी पार्टी मजबूत होगी।
सीएम नायब सैनी ने बोला झूठ शमशेर सिंह गोगी ने सीएम नायब सैनी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इलेक्शन के अंदर नायब सैनी ने झूठ बोला था कि जीरी 3100 रुपए में खरीदी जाएगी, वो भी नहीं खरीदी गई। डीएपी भी किसानों को नहीं मिल रही। किसान को यूरिया की जरूरत है, लेकिन नहीं मिल रही। जब किसानों को यूरिया की जरूरत होती है तब डीएपी मिलती है और डीएपी की जरूरत होती है तब यूरिया मिलती है।
दूसरी बात, इसके पीछे षड्यंत्र भी है। पैक्स को खत्म करने का षड्यंत्र खट्टर साहब के समय से चल रहा है। उस टाइम भी इन्होंने दो बार नोटिफिकेशन किया, क्योंकि पैक्स के पैसे पर ब्याज नहीं लगता, तो यह भाजपा को हजम नहीं हो रहा कि किसान को जो लाख या डेढ़ लाख रुपए दिया जाता है, यह बिना ब्याज क्यों? इसलिए पैक्स को तंग कर रहे है।
नौकरियों के मामले में भी बड़ा झूठ बोला, जबकि 9 हजार तो पहले ही लगे हुए थे, उसको रोककर रखा गया, अढ़ाई लाख लोगों ने पेपर दिए थे, इतना ज्यादा प्रचार करते है कि पर्ची खर्ची नौकरियों में नहीं है, फिर इलेक्शन में पर्ची खर्ची क्यों? अबकी बार पैसों के बल पर ही इलेक्शन जीता गया। इसमें बहुत बड़ा दुरुपयोग हुआ है।
मेरे पास पैसे होते तो दोगुने वोट मिले क्या कांग्रेस के पास पैसों की कमी थी, तो गोगी ने जवाब दिया कि मेरे पास तो पैसों की कमी थी, अगर मेरे पास पैसे होते तो मेरे को दोगुने वोट आ जाते, लेकिन मैं गलत काम करके आगे बढना नहीं चाहता था। भाजपा ने साम-दाम-दंड-भेद सभी हथकंडे अपना, लेकिन मैं तो बाबा का आदमी हूं, हमने लंगर तो जरूरत चलाया।
लेकिन अगर हम जहर बेच कर सत्ता में आए, तो इससे अच्छा है कि बाहर ही रहे। इलेक्शनों में जो पर्ची खर्ची चली है उस पर भी नायब सैनी अपना स्पष्टीकरण देंगे।
सरकार की मर्जी के बिना कोई घोटाला नहीं होता करनाल की मंडियों में फर्जी गेट पास डिलीट के सवाल पर गोगी ने कहा कि हर साल घोटाला होता है और सरकार के सभी आदमी उसमें शामिल है। किसी मंडी सचिव की हिम्मत है कि बिना सरकार की मर्जी के घोटाला कर दे।
पिछले 5 सालों में घोटाला ही घोटाला हुआ और घोटालों की जांच के लिए जितनी कमेटी बनी उनकी रिपोर्ट ही नहीं आई। जिस तरह के नारे लेकर चुनावी मैदान में बीजेपी उतरी हुई है उस हिसाब से तो इलेक्शन कमीशन को इन्हें बैन कर देना चाहिए, लेकिन इलेक्शन कमीशन है ही नहीं है।
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