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संयुक्त विद्युत विनियामक आयोग (जेईआरसी) ने चंडीगढ़ में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बिजली की दरों में 9.4% की वृद्धि को मंजूरी दे दी है। यह बढ़ोतरी 1 अगस्त 2024 से लागू हो गई है, जिसका उद्देश्य बिजली की स्थिरता बनाए रखना और बिजली की खरीद लागत को संतुलित
.
घरेलू और वाणिज्यिक श्रेणी के लिए राहत
इस नई दर वृद्धि में घरेलू और वाणिज्यिक श्रेणी के 0-150 यूनिट खपत करने वाले उपभोक्ताओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। चंडीगढ़ अपनी बिजली आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूरी तरह से केंद्रीय उत्पादन परियोजनाओं पर निर्भर है, जिनमें बीबीएमबी, एनटीपीसी, एनएचपीसी, और एनपीसीआईएल से बिजली खरीदी जा रही है।
पंजाब और हरियाणा के टैरिफ से अभी भी सस्ता है चंडीगढ़ का टैरिफ
चंडीगढ़ में बढ़ी हुई दरों के बाद भी बिजली का टैरिफ पंजाब और हरियाणा के मुकाबले कम रहेगा। पंजाब में घरेलू श्रेणी के 0-100 यूनिट की खपत के लिए औसत 4.88 रुपये प्रति यूनिट, 101-300 यूनिट के लिए 6.95 रुपये प्रति यूनिट, और 301 यूनिट से अधिक के लिए 7.75 रुपये प्रति यूनिट टैरिफ है। वहीं हरियाणा में घरेलू श्रेणी के लिए 0-50 यूनिट की खपत पर 2 रुपये प्रति यूनिट, 51-100 यूनिट पर 2.5 रुपये, 0-150 यूनिट पर 2.75 रुपये, और 151 यूनिट से ऊपर की खपत के लिए 5.97 रुपये प्रति यूनिट है।
वाणिज्यिक श्रेणी में भी पंजाब में 0-100 यूनिट के लिए 6.91 रुपये प्रति यूनिट, 101-500 यूनिट के लिए 7.17 रुपये प्रति यूनिट और 501 यूनिट से ऊपर के लिए 7.75 रुपये प्रति यूनिट है। हरियाणा में वाणिज्यिक श्रेणी के 10 किलोवाट तक के लोड पर 7.05 रुपये प्रति यूनिट, 10-20 किलोवाट लोड पर 7.38 रुपये और 20-50 किलोवाट लोड पर 6.4 रुपये प्रति यूनिट है।
टैरिफ दरों में पिछले बदलाव
जेईआरसी ने चंडीगढ़ में आखिरी बार वित्त वर्ष 2018-19 में टैरिफ में बढ़ोतरी की थी। इसके बाद वित्तीय वर्षों 2019-20 और 2020-21 में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई थी। वर्ष 2021-22 के लिए 9.58% की कटौती की गई और 2022-23 में 1% की कमी के साथ, 2023-24 में भी दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया।
भविष्य के लिए टैरिफ में राहत पर विचार
चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने इंजीनियरिंग विभाग को निर्देश दिया है कि वह टैरिफ को तर्कसंगत बनाए और विशेष रूप से निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं को राहत देने पर ध्यान दे। उन्होंने विभाग को बिजली के ट्रांसमिशन और वितरण घाटों को कम करने के लिए ऊर्जा ऑडिट कराने और सुधारात्मक उपायों की योजना बनाने का भी निर्देश दिया है। अगले वित्त वर्ष 2025-26 के लिए टैरिफ प्रस्ताव प्रस्तुत करते समय प्रशासन निम्न आय वर्ग को राहत देने पर विचार करेगा।
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