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उत्तर पश्चिम रेलवे ने सर्दियों में संभावित कोहरे के बीच सुरक्षित और निर्बाध ट्रेन संचालन की तैयारियां सुनिश्चित की है। इसके लिए जोन के सभी चार रेल मंडलों को 875 फॉग सेफ्टी डिवाइस उपलब्ध करवाने के साथ ही बाधा रहित ट्रेन संचालन में उपयोगी उपकरणों का भी
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मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशिकिरण ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा सर्दी के मौसम में संरक्षित रेल संचालित के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत रेल संचालन से जुड़े कर्मचारियों को विशेष निर्देश के साथ-साथ बाधा रहित ट्रेन संचालन में उपयोगी उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है।
लोको पायलटों को इंजन में उपयोग हेतु फॉग सेफ्टी डिवाइस दिए जा रहे हैं ।
उन्होंने बताया कि सर्दियों में कोहरे और रेल फैक्चर के कारण ट्रेन संचालन में नियमित अवरोध बना रहता है। इस कारण ट्रेने घंटों लेट चलती हैं। इस समस्या के निवारण के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा लोको पायलटों को इंजन में उपयोग हेतु फॉग सेफ्टी डिवाइस दिए जा रहे हैं । अब तक चारों मंडलों को कुल 875 फॉग सेफ्टी डिवाइस दिए जा चुके हैं।
इसके अतिरिक्त लोको पायलटों को कोहरे के समय ट्रेनों की गति 60 से 75 किलोमीटर प्रति घंटे अथवा अपने विवेकानुसार निम्नतम बनाए रखने के भी निर्देश दिए गए है। सिग्नलों की सूचना दर्शाने वाले बोर्डों को दोबारा पेंट किया जा रहा है अथवा चमकीली पट्टी लगाई जा रही है। कोहरे के समय दृश्यता कम होने पर लोको पायलटों की सहायता हेतु स्टेशन मास्टरों द्वारा विजिबिलिटी टेस्ट ऑब्जेक्ट ( वीटीओ) के उपयोग के निर्देश दिए गए हैं। इससे लोको पायलटों को स्टेशन पास होने की जानकारी मिलेगी।
विलंब से चलने वाली ट्रेनों की होगी समीक्षा ट्रैकमैन द्वारा लोको पायलटों को रास्ते में सिग्नल होने की चेतावनी देने के लिए पटाखे का उपयोग करने के निर्देश और पर्याप्त मात्रा में पटाखे दिए गए हैं। कम यात्रीभार अथवा कोहरे के कारण साधारणतया विलंब से चलने वाली ट्रेनों की समीक्षा की जा रही है ताकि इन ट्रेनों को निश्चित अवधि के लिए रद्द कर ट्रेन के डिब्बों और स्टाफ को अन्य स्थानों पर उपयोग किया जा सके। दृश्यता कम होने पर लोको पायलटों को ट्रेन की गति अपने विवेकानुसार 30 से 75 किलोमीटर प्रति घंटे तक रखने के निर्देश दिए गए हैं।
पटरी फ्रैक्चर वाले रेल मार्गों पर अतिरिक्त सतर्कता सर्दियों में जिन स्थानों पर प्रायः पटरियों के फ्रैक्चर की सम्भावना होती है वहां अत्यधिक सावधानियां बरतने के निर्देश जारी किए गए हैं। पटरियों की गहनता से जांच की जा रही है । इसके लिए अत्याधुनिक अल्ट्रासाउंड मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है और आवश्यकतानुसार रेल खंडों में गति प्रतिबंध लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं।
ऐसे क्षेत्रों में जहां पटरियों में फ्रैक्चर की सम्भावना रहती है वहां विशेष कोल्ड वैदर पेट्रोलिंग की जा रही है। रेल फैक्चर होने पर तुरंत मरम्मत के अतिरिक्त सामग्रियों और उपकरणों का जगह जगह भंडार बनाया गया है ताकि रेल संचालन को जल्द से जल्द पुनर्स्थापित किया जा सके। अधिकारियों और सुपरवाइजरों को लगातार पटरियों के निरीक्षण के निर्देश जारी किए गए हैं। साथ ही उन्हें ट्रैकमैन, की मैन आदि से लगातार संवाद करने की हिदायत दी गई है।
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