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नई दिल्ली. हिंदी सिनेमा के इतिहास में एक से बढ़कर एक गानें और फिल्में हर जॉनर की बनी हैं. किसी में खूब एक्शन है तो कोई फैमिली ड्रामा. फिल्म मेकिंग एक आर्ट है, जो हर किसी के बस की बात नहीं. किस सिचुएशन में क्या सीन होगा और क्या गाना होगा, इसको लेकर पर्दे के पीछे बैठे दिग्गज लंबी मेहनत करते हैं. फिर वो बेटी की जन्म हो या विदाई. शादी हो या सुहागरात. दिग्गज राइटर्स ने हर सिचुएशन के लिए ऐसे गानों को लिखा, जिनको लोग सालों बाद भी गुनगुनाते हैं.
‘मेरे घर आई नन्ही परी’ से ‘मुड़कर ना देखो दरबरो’ जैसे गानों को भला कोई आज भी नहीं गुनगुनाता. लेकिन क्या आपको बॉलीवुड में सुहागरात पर फिल्माए गए वो 4 गानें याद हैं, जिनका चर्चा लोग आज भी करते हैं. दो गानों में तो एक भी भद्दा शब्द नहीं, तीसरे गाने को लेकर तो काफी बवाल हुआ था और चौथे गाने में तो हीरोइन ने डबल मीनिंग के शब्दों से अपने प्यार का इजहार किया था.
भद्दे शब्द कहे बिना बयां किया प्यार
अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, वहीदा रहमान और राखी गुलजार के बेजोड़ अभिनय से सजी 1976 में फिल्म रिलीज हुई, जिसका नाम था ‘कभी कभी’. इस फिल्म को लोगों ने काफी पसंद किया था. लेकिन फिल्म के गानों की भी उतनी ही चर्चाएं हुई. खासकर सुहागरात पर फिल्माया गया कालजयी गीत ‘कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है’.
सुहागरात को बयां करने के लिए गाने में एक भी अश्लील शब्द इस्तेमाल नहीं हुआ है. यही वजह है कि लोग इसे सबके सामने गुनगुनाने से शर्माते नहीं हैं. गाना सुहागरात की सेज पर बैठे पूजा (राखी गुलजार) और विजय (शशि कपूर) पर फिल्माया गया है. राखी गुलजार अपने अभिनय से गाने में बयां हुई प्रेम की गहराई को सच के करीब ले आई थीं, जो बेड पर बैठी अपने प्रेमी अमित (अमिताभ बच्चन) को याद करके इमोशनल हो रही है.
26 साल बाद आज भी नहीं उतरा खुमार
‘गुलजार’ ने यूं तो कई सुपरहिट गाने बॉलीवुड फिल्मों के लिए लिखे हैं. लेकिन इस दूसरे गाने में गुलजार ने सुहागरात के दिल दुल्हन के मन में चल रहे रहस्य और उसके खूबसूरत अहसासों की कहानी बयां करता है. लेकिन इस गाने की खास बात यह है कि इसमें 1 भी शब्द भद्दा और अमर्यादित नहीं है. साल
1998 में आई फिल्म ‘दिल से’ का गाना ‘जिया जले’ सुहागरात के अहसासों की ऐसी तस्वीर पेश की जो संगीत की दुनिया में एक मिसाल बन गई. इस गाने का खुमार आज तक लोगों के दिमाग से उतरा नहीं है. डायरेक्टर ‘मणिरत्नम’ की इस फिल्म में एआर रहमान ने संगीत दिया था.
फिल्म पर हुआ था बवाल
अब बात उस फिल्म की जिसकी एक गाने पिक्चराइजेशन ने इंडस्ट्री में बवाल मचा दिया था. ये गाना है ‘सैया निकस गए मैं न लड़ी थी’. साल 1978 में आई फिल्म ‘सत्यम शिवम सुंदरम’ का ये गीत है, जिसमें हीरोइन का घूंघट उठाते ही हीरो की चीख निकल जाती है. दरअसल, जीनत अमान ने फिल्म में ‘रूपा’ का किरदार निभाया था. इस किरदार को लेकर काफी बवाल भी हुआ.
दिवंगत अभिनेता देव आनंद ने तो इसे ‘गंदी फिल्म’ तक कह डाला था, क्योंकि उन्हें लगा कि कैमरा सिर्फ और सिर्फ जीनत की बॉडी पर फोकस करता रहा. लेकिन जीनत अपने किरदार को लेकर बहुत कॉन्फिडेंट थीं. कहा जाता है कि पुराने दौर में जब फिल्म पर बवाल हुआ तो कुंवारों को ये फिल्म देखने की इजाजत उनके घरवाले नहीं देते थे.
दोहरे अर्थों में जताया प्यार
चौथा गाना वो है, जिसमें ‘रात के ढाई बजे’ जब इठलाती हीरोइन ने दोहरे अर्थों में प्यार जताया. साल 2009 में आई अपनी फिल्म ‘कमीने’ में एक गाना सुहागरात के अनुभव को भी बयां करते हुए जोड़ दिया था. फिल्म के गानों को गुलजार ने लिखा था. गुलजार को भी इस फिल्म में फिल्म फेयर के अवॉर्ड से नॉमिनेट किया गया था. फिल्म ने कुल मिलाकर 11 अवॉर्ड अपने नाम किए थे.
Tags: Amitabh bachchan, Entertainment Special, Lata Mangeshkar, Priyanka Chopra, Shah rukh khan, Shashi Kapoor, Urmila Matondkar, Zeenat aman
FIRST PUBLISHED : November 9, 2024, 10:49 IST
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