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जसवंत की हत्या करते हुए सीसीटीवी फुटेज और जांच करती पुलिस।
ग्वालियर के डबरा में गुरुवार रात जिस तरह से शूटर्स ने जसवंत सिंह सरदार की हत्या की है, उससे पुलिस को आशंका है कि शूटर्स पंजाब से हो सकते हैं। दरअसल, ये पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई है। इसमें शूटर्स के चेहरे साफ नजर आ रहे हैं।
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जिस समय वारदात हुई उस समय जसवंत तीन लोगों से बात कर रहा था। पुलिस ने इन तीनों से पूछताछ की है। जिसमें उन्होंने बताया कि शूटर्स का हुलिया सरदारों जैसा था। उन्होंने जब जसवंत को अपने पास बुलाया तो उनके बात करने का लहजा भी पंजाबियों जैसा था।
दूसरी तरफ शूटर्स ने बिना समय गंवाए महज 37 सेकेंड में जसवंत की हत्या की और फरार हो गए। इससे पुलिस को शक है कि ये सुपारी किलिंग हो सकती है। परिजन ने भी शक जताया है कि आठ साल पहले जसवंत ने अपने ममेरे साले सुखविंदर की हत्या की थी, इसलिए उसी के परिवार ने सुपारी देकर हत्या कराई है। सुखविंदर का पूरा परिवार अब कनाडा में रहता है।
पुलिस अब इन दोनों थ्योरी पर जांच कर रही है। आठ साल पहले जसवंत ने कैसे अपने ममेरे साले की हत्या की थी, आखिर इस घटना को उसकी हत्या से कैसे जोड़कर देखा जा रहा है, क्या हुआ था उस रात? पढ़िए पूरी रिपोर्ट..
5 तस्वीरों से समझिए महज 37 सेकेंड में कैसे हुई जसवंत की हत्या
अब जानिए 8 साल पहले का वो हत्याकांड जिसमें जसवंत आरोपी था
जसवंत की पत्नी के मामा राजविंदर सिंह आठ साल पहले यानी साल 2016 में अपने परिवार के साथ ग्वालियर के आदित्यपुरम में रहते थे। उनका बड़ा बेटा सतपाल सिंह कनाडा में सैटल था। छोटा बेटा सुखविंदर, पत्नी बलविंदर कौर और 13 साल की बेटी हरमन कौर उन्हीं के साथ रहती थी।
5 फरवरी 2016 को जसवंत सिंह एक शादी में शामिल होने ग्वालियर आया था। रात ज्यादा होने पर वह अपने घर जाने के बजाय मामा ससुर राजविंदर के घर रुक गया था। भांजा दामाद आने की खुशी में मामा-मामी ने उसकी जमकर ख़ातिरदारी की थी। रात को राजविंदर ने उसे अपने बेटे सुखविंदर के कमरे में सुला दिया था।
आधी रात को जसवंत ने सुखविंदर की गोली मारकर हत्या कर दी। इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी। सुबह उसने ससुर राजविंदर और सास बलविंदर को भी गोली मारी और फरार हो गया। पड़ोसी दोनों को घायल हालत में अस्पताल लेकर गए। जहां दोनों की जान बच गई मगर सुखविंदर की मौत हो गई।
13 साल की हरमन ने किचन में छिपकर बचाई थी जान राजविंदर की बेटी हरमन गोलीबारी की आवाज सुनकर सीधे रसोई में गई और रेफ्रिजरेटर के पीछे जाकर छिप गई थी। गोलीबारी करने वाले जसवंत ने उसकी तलाश की, लेकिन वो नहीं मिली। लिहाजा जसवंत वहां से फरार हो गया। पुलिस ने उसकी तलाश में भिंड, डबरा और दिल्ली में भी दबिश दी थी लेकिन सुराग नहीं मिला था।
इसके बाद ग्वालियर के तत्कालीन एसपी हरिनारायणचारी मिश्रा ने जसवंत की गिरफ्तारी पर 5 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। सुखविंदर के परिजन तत्कालीन एएसपी वीरेंद्र जैन से मिले थे और जसवंत की जल्द तलाश करने की मांग की थी। ये भी कहा था कि सुराग देने वाले को वह भी 25 हजार रु. का इनाम देंगे।
बाद में जब वह पकड़ा गया तो 2018 में एडीजे कोर्ट ने उसे मरते दम तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
जसवंत के परिजन से पूछताछ करती पुलिस।
जानिए जसवंत की हत्या के तार कनाडा से क्यों जुड़ रहे ? साल 2016 में सुखविंदर की तो मौत हो गई थी, लेकिन राजविंदर और उनकी पत्नी की जान बच गई। राजविंदर डबरा के मस्तूरा गांव के रहने वाले हैं। उनकी वहां 50 बीघा के लगभग जमीन है। एक साल पहले कनाडा में रहने वाला बड़े बेटे सतपाल ने मस्तूरा की जमीन बेची और माता-पिता को भी अपने साथ कनाडा ले गया था।
कुछ समय पहले जसवंत के मामा ससुर राजविंदर ग्वालियर आए थे। यहां कुछ दिन रुकने के बाद वह वापस कनाडा चले गए थे। पुलिस अब इस बात की तफ्तीश कर रही है राजविंदर ने ग्वालियर में किन-किन लोगों से मुलाकात की थी। पुलिस का अनुमान है कि बदला लेने की नीयत से जसवंत की हत्या की गई है।
मर्डर का लोकल कनेक्शन भी खंगाल रही है पुलिस जिन शूटर्स ने जसवंत की हत्या की, हुलिया के आधार पर वे सरदार दिख रहे हैं। उनकी बॉडी लैंग्वेज भी सरदारों जैसा ही थी। जो तीन लोग वारदात के वक्त जसवंत के साथ थे उन्होंने भी पुलिस को बताया कि उनके बात करने का लहजा पंजाबियों की तरह था। इस आधार पर पुलिस का अनुमान है कि शूटर्स पंजाब से हो सकते हैं।
साथ ही पुलिस का ये भी मानना है कि किसी ने लोकल स्तर पर उन्हें सारे संसाधन उपलब्ध कराए हैं। वारदात में जिस मोटरसाइकिल का इस्तेमाल किया वह स्थानीय स्तर पर किसी रिश्तेदार ने उपलब्ध कराई होगी उसके बाद ही यह वारदात घटित हुई।
वारदात के 5 दिन पहले से सीसीटीवी देख रही पुलिस मामले में पुलिस का अनुमान है कि 28 तारीख जब से जसवंत पैरोल पर आया है तभी से उसकी रैकी की जा रही होगी। पुलिस कॉलोनी में लगे सीसीटीवी के फुटेज खंगाल रही है, ताकि शूटर्स से मिलती हुई संदिग्ध कद काठी के लोगों को चिह्नित किया जा सके और कॉलोनी में आने वाले संदिग्ध लोगों की भी पहचान हो। ताकि कुछ सूत्र हाथ लगे जो स्थानीय स्तर पर शूटर्स की मदद कर रहे थे।
जसवंत सिंह सरदार की दो बेटियां और एक बेटा जसवंत सिंह साल 2018 से जेल में बंद था। लगातार अपने अच्छे व्यवहार के चलते 15 दिन के पैरोल पर बाहर आया था। उसके तीन बच्चे हैं। बड़ी बेटी ग्यारहवीं में पढ़ती है। सबसे छोटे बेटे की उम्र 5 साल है और वह यूकेजी में पढ़ता है।
गांव की जमीन बेची, दतिया के सियावरी में खरीदी हत्या के मामले में सजा होने के बाद जसवंत ने अपने गांव की जमीन को बेच दिया था और डबरा की गोपाल बाग सिटी में मकान बनाने के साथ-साथ दतिया जिले के ग्राम सियावरी में बीस बीघा जमीन खरीदी थी। उसके बटाईदार रतन सिंह ने बताया कि गुरुवार को जसवंत की हत्या से 15 मिनट पहले उसकी बात हुई थी। जसवंत ने बताया था कि वह शुक्रवार यानी 8 तारीख को खेत पर आएगा। थोड़ी देर बाद पता चला कि उसे गोली मार दी गई।
वारदात के बाद चश्मदीदों से पूछताछ करती पुलिस।
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