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जवाहर कला केन्द्र की पाक्षिक नाट्य योजना के तहत शुक्रवार को नाटक खबसूरत बहू का मंचन किया गया।
जवाहर कला केन्द्र की पाक्षिक नाट्य योजना के तहत शुक्रवार को नाटक खबसूरत बहू का मंचन किया गया। विपिन पुरोहित के निर्देशन में हुए नाटक की कहानी नाग बोडस ने लिखी है। नाटक की कहानी चरित्र और नारी सम्मान की महत्ता को दर्शाती है। नाटक बाल्यकाल में विधवा हु
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नाटक बाल्यकाल में विधवा हुयी चाची की कहानी पर आधारित है।
धौलपुर वाली के नाम से प्रसिद्ध बहू की सुंदरता से मोहित गांव के युवक उसके पीछे पड़े रहते हैं। इन्हीं में शामिल है लाखन और उसकी पत्नी बसंती जो बहू की सुंदरता से ईर्ष्या रखती है। बच्चे नहीं होने पर चाची भतीजे और बहू को एक बाबा के पास ले जाती है, बाद में सामने आता है कि लाखन ही बाबा का ढोंग कर रहा है। गांव वालों की समझाइश पर चाची, भतीजे और बहू को साथ रहने देती है। नाटक में हास्यास्पद रूप से कटाक्ष किया गया है सामाजिक कुरीतियों, अंधविश्वास और लोगों में व्याप्त कुंठाओं पर।
नाटक में भरत सिंह पुरोहित, संजीव, गितिका वालिया, शिवांगी, टीशा, आमिर हुसैन, अनीता जोशी, प्रियांशु सोनी, सुरेश बिस्सा, पृथ्वी सिंह, दिवाकर खत्री, गर्वित, रोहित सिंह, प्राची राजपुरोहित ने विभिन्न किरदार निभाए। विजय सिंह राठौड़ ने प्रकाश परिकल्पना, योगेश हर्ष ने मेकअप व मंच सज्जा, मुकेश शर्मा ने कॉस्टयूम डिजाइन किया। प्राची राजपुरोहित, आमिर हुसैन व सुनील व्यास के गायन के साथ सवाई राणा ने तबले पर संगत की।
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