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झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद अचानक केंद्रीय एजेंसियों और राज्य पुलिस की कार्रवाई बढ़ गई है। बीच चुनाव एजेंसियों की ऐसी सक्रियता नया ट्रेंड है। राज्य में कई घपले-घोटाले उछले पर पिछले चार विधानसभा चुनाव के दौरान लॉ इन्फोर्सिंग एजेंसियों की ऐसी
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ये कार्रवाइयां उन्हीं के यहां हो रहीं हैं जो या तो किसी राजनीति पार्टी से जुड़े हैं या फिर किसी बड़े राजनेता के करीबी माने जाते हैं। पिछले महीने 15 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव की घोषणा हुई। तबसे झारखंड में लगातार कार्रवाई जारी है। महज 20 दिनों के अंदर केंद्रीय एजेंसियों और राज्य पुलिस ने नौ बड़े एक्शन लिए हैं। कैश व सोना जब्त किए पर किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई।
कहां-कहां बड़ी कार्रवाई हुई
- 19 अक्टूबर ईडी के डायरेक्टर राहुल नवीन ने रांची का दौरा हुआ।
- 22 अक्टूबर राज्य पुलिस ने कोडरमा 1.07 करोड़ रुपए जब्त किए।
- 25 अक्टूबर लोहा कारोबारियों के आईटी रेड। पार्टियों से संबंध की तलाश।
- 25 अक्टूबर खनन घोटाला के आरोपी दाहू के छोटे भाई के घर ईडी पहुंची।
- 29 अक्टूबर आईएएस विनय चौबे, संयुक्त उत्पाद आयुक्त के यहां छापा।
- 29 अक्टूबर घोटालों की सीबीआई जांच को ईडी की हाईकोर्ट में याचिका।
- 30 अक्टूबर झारखंड पुलिस ने भाजपा नेता के स्कूल में छापेमारी ।
- 5 नवंबर सीबीआई ने अवैध खनन मामले 20 ठिकानों पर छापेमारी की।
- 5 नवंबर झारखंड पुलिस का वाईबीएन यूनिवर्सिटी चेयरमैन के यहां छापा।
क्या कहतीं हैं पार्टियां…
भाजपा: प्रदेश प्रवक्ता रमाकांत महतो ने कहा-संवैधानिक संस्थाएं अपना काम करती हैं। अगर राज्य सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करती है, तो भाजपा को एतराज नहीं
झामुमो : महासचिव मनोज पांडे ने कहा भाजपा के लिए केंद्रीय एजेंसियां भी चुनाव लड़ रही हैं। छत्तीसगढ़ में भी यह देखा गया था। अब झारखंड में यह होना आश्चर्यजनक नहीं।
कांग्रेस : मुख्य प्रवक्ता लालकिशोर नाथ ने कहा सभी जानते हैं कि ईडी, सीबीआई केंद्र के इशारे पर काम करती है। छापेमारियां चुनाव को प्रभावित करने की साजिश है।
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