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SMS स्टेडियम पहुंचे राहुल द्रविड़।
राजस्थान रॉयल्स फाउंडेशन की ओर से शुक्रवार को जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में गर्ल्स अंडर-19 टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला खेला गया। इस मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स के हेड कोच राहुल द्रविड़ और खेल तथा उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी पहुंचे। इ
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जयपुर पहुंचे राहुल द्रविड़ ने कहा कि जयपुर और सवाई मानसिंह स्टेडियम के साथ मेरी काफी अच्छी यादें जुड़ी हैं। 2011 में मैं पहली बार राजस्थान रॉयल्स के लिए जयपुर में आया था। उसके पहले भी मैं कई बार जयपुर में खेल चुका था, लेकिन 2011 के बाद कि मेरी जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम की यादें कभी ना भूल पाने वाली हैं।
SMS स्टेडियम में खिलाड़ियों को संबोधित करते राहुल द्रविड़।
राहुल ने कहा कि मुझसे पूछा जाता है वर्ल्ड कप फाइनल जीत कर कैसा लगा। मैं बस यही कहना चाहता हूं कि जब 30 बोल्स पर 30 रनों की दरकार थी। तब कोई नहीं मान सकता था कि हम मैच जीत जाएंगे। उस समय हमारे लिए मैच जीतना बहुत कठिन और मुश्किल दिख रहा था, लेकिन हमारी टीम ने गिवअप नहीं किया। पूरी टीम ने एक साथ जुटकर अच्छे से मैदान पर मेहनत की।
द्रविड़ ने कहा, मेरा ऐसा मानना है कि आप जो कुछ भी कर रहे हैं, कभी भी गिवअप ना करें। चाहे कितनी भी मुश्किल स्थिति या परिस्थिति ही क्यों ना हो क्योंकि मुश्किल स्थिति में भी अपने गिवअप नहीं करके फाइट करेंगे। तो जरूरी नहीं हर बार आप जीतेंगे लेकिन आपको उस सिचुएशन को बदलने के लिए काफी मौके मिलेंगे।
गर्ल्स टीम से मिलते राजस्थान रॉयल्स के पदाधिकारी।
इस वर्ल्ड कप का मेरे लिए सिर्फ एक यही उदाहरण है कि कभी भी गिवअप न करो और आखरी दम तक लड़ते रहो। वर्ल्ड कप जीतना मेरे लिए जीवन की सबसे बड़ी खुशियों में से एक है। मुझे लगता है आप लोगों के लिए भी यह एक खुशी की बात होगी।
द्रविड़ ने कहा कि मैं एक बार फिर राजस्थान रॉयल्स से जुड़ा हूं। मुझे उम्मीद ही नहीं बल्कि, पूरा विश्वास है। हर बार की तरह आप सभी लोग हमारा पूरा सपोर्ट करेंगे। हम भी एक वादा करते हैं कि आप लोगों के लिए दिलो-जान लगाकर टूर्नामेंट जीतने की पूरी कोशिश करेंगे।
द्रविड़ ने कहा कि रॉयल राजस्थान फाउंडेशन ने गर्ल्स के लिए एक अच्छी टूर्नामेंट का आयोजन किया है। इस टूर्नामेंट में प्रदेश के सभी जिलों की प्रतिभाओं को अपना खेल दिखाने का मौका मिला है। मुझे लगता है कि ज्यादा से ज्यादा खेलों में हिस्सा लेना चाहिए क्योंकि खेलों में हिस्सा लेकर न सिर्फ आप भारत के चैंपियन बनते हैं। बल्कि, सोसायटी के अंदर भी आप एक अच्छे इंसान बनकर शामिल होते हैं।
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