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सिरोही में कंचे खेलते समय हुए झगड़े में चाकू मारने से आंतें बाहर आने पर नाबालिग लड़के को अहमदाबाद के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सिरोही में कंचे खेलते समय आउट होने की बात को लेकर हुए झगड़े में एक नाबालिग लड़के ने दूसरे को चाकू मारकर पेट चीर दिया। इससे उसकी आंतें बाहर आ गई। नाबालिग को लहूलुहान हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने पर उसे अहमदाबाद रेफर कर दिया। माम
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कंचे खिलते समय हुए झगड़े में चाकू मारने से नाबालिग की आंत बाहर आ गई।
पुलिस के अनुसार थाना इलाके के एक गांव में हनुमानजी के मंदिर के पास गुरुवार दोपहर एक बजे बच्चे कंचे खेल रहे थे। इस दौरान आउट होने की बात को लेकर 14 वर्षीय नाबालिग ने 10 वर्षीय नाबालिग के पेट में चाकू मार दिया। चाकू का घाव इतना गहरा था कि नाबालिग के पेट की आंतें बाहर आ गई। लहूलुहान हालत में नाबालिग को लेकर परिजन बरलूट अस्पताल पहुंचे। डॉक्टर ने उसकी ब्लिडिंग को रोक दिया, लेकिन समस्या जस की तस बनी रही। इसके बाद बच्चे को सिरोही जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। जब परिजन बच्चे को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर्स ने हाथ खड़े कर दिए और बच्चे के माता-पिता को गुजरात ले जाने की सलाह दी। इसके बाद परिजन बच्चे को अहमदाबाद ले गए, जहां शुक्रवार को ऑपरेशन के बाद उसकी तबीयत में सुधार बताया जा रहा है।
आउट होने पर हुआ था विवाद परिजनों ने बताया कि कंचे खेलते समय आउट होने की बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हो गया था। इसी झगड़े में 14 वर्षीय नाबालिग ने 10 साल के बच्चे के पेट पर चाकू मार दिया, जिसमें मासूम बुरी तरह जख्मी हो गया। घायल बच्चा चौथी क्लास में पढ़ता है और आरोपी नाबालिग 9वीं क्लास का छात्र है।
नाबालिग को सिरोही जिला अस्पताल से रेफर करने पर परिजन अहमदाबाद ले गए।
सुंधा माता के दर्शन करने गया तब लाया चाकू ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी नाबालिग दो दिन पहले दोस्तों के साथ सुंधा माता के दर्शन करने गया था। वहां से चाकू और टॉर्च खरीदकर लाया था। नाबालिग के पिता की मौत हो चुकी है। नाबालिग 3 दिन पहले मौसी के यहां आया हुआ था।
आरोपी को लेकर थाने पहुंचे ग्रामीण ग्रामीणों ने बताया कि चाकू मारने वाले नाबालिग लड़के को लेकर बरलूट थाने गए थे। पुलिस ने कुछ देर बैठाकर रखने के बाद उसे छोड़ दिया। घटना को लेकर थाने में अभी तक मामला दर्ज नहीं हुआ है। थानाधिकारी गोपाल लाल ने बताया कि परिजनों का कहना है कि पहले बच्चे का इलाज करवाएंगे। इलाज के बाद जब लौटकर आएंगे तभी रिपोर्ट दर्ज करवाई जाएगी। हालांकि कुछ गांव के लोग बच्चे को लेकर थाने जरूर आए थे, लेकिन उसे वापस भेज दिया।
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