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झारखंड हाईकोर्ट ने डायन के आरोप में महिला की हत्या मामले में दोषी अपराधी की क्रिमिनल रिट याचिका खारिज कर दी है। साहिबगंज के बरहेट थाना क्षेत्र निवासी एक महिला की डायन के आरोप में 22 मई 2013 को दबिया से मारकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सात गवाहों
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अदालत ने कहा है कि किसी भी मामले में गवाहों की संख्या नहीं, बल्कि साक्ष्य की गुणवत्ता महत्वपूर्ण है। यदि गवाह विश्वसनीय आैर भरासेमंद है तो एक गवाह की गवाही पर ही दोष सिद्ध स्थापित की जा सकती है। दरअसल, इस मामले मृतक के बेटे ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। उसने आरोप लगाया है कि घटना के दौरान वह घर से अनुपस्थित था। उसे शाम में पता चला कि उसकी मां को चाचा गुमुद मुर्मू ने धारदार हथियार से मार दिया है। घर पहुंचने पर देखा कि आरोपी के घर की मेड़ पर मां का शव पड़ा है।
आरोपी ने मृतक पर पहले डायन होने का आरोप भी लगाया था। अदालत ने कहा है कि इस मामले में मृतक की बहू एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी है। अदालत ने कहा है कि अपीलकर्ता से कोई पिछली दुश्मनी नहीं है जो उसे झूठा केस में फंसाने के लिए प्रेरित करती है। ऐसे में ट्रायल कोर्ट के फैसले आैर सजा में किसी तरह की खामी नहीं है। इसलिए क्रिमिनल रिट याचिका को खारिज किया जाता है।
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